उलूक टाइम्स

"बर्बाद गुलिस्ताँ करने को बस एक ही उल्लू काफ़ी था हर शाख़ पे उल्लू बैठा है अंजाम-ए-गुलिस्ताँ क्या होगा " :- शौक़ बहराइची

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शुक्रवार, 26 दिसंबर 2014

इसके जाने और उसके आने के चरचे जरूर होंगे

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समाधिस्त होने की प्रक्रिया में एक और वर्ष संत दो शून्य एक चार चार की जगह पाँच पैदा होने को तैयार संतों की परम्पराओं में खरा उतरने कुछ नया...
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मंगलवार, 15 सितंबर 2009

कम्प्यूटर / आदमी

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कमप्यूटर कुछ वर्षों मे संवेदनशील भी हो जायेगा  क्योंकी आदमी अब अपनी संवेदनाए खत्म कर  चुका है  वास्तव में कमप्यूटर ...
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सुशील कुमार जोशी
Almora, Uttarakhand, India
ना कविता लिखता हूँ ना कोई छंद लिखता हूँ अपने आसपास पड़े हुऎ कुछ टाट पै पैबंद लिखता हूँ ना कवि हूँ ना लेखक हूँ ना अखबार हूँ ना ही कोई समाचार हूँ जो हो घट रहा होता है मेरे आस पास हर समय उस खबर की बक बक यहाँ पर देने को तैयार हूँ ।
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