उलूक टाइम्स

"बर्बाद गुलिस्ताँ करने को बस एक ही उल्लू काफ़ी था हर शाख़ पे उल्लू बैठा है अंजाम-ए-गुलिस्ताँ क्या होगा " :- शौक़ बहराइची

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शनिवार, 16 फ़रवरी 2019

जरूरी काम निपटाना बहुत जरूरी होता है श्रद्धाँजलि तो मरे को देनी होती है उसके लिये जिंदों के पास समय ही समय होता है

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तेज दौड़ते रहने से दिखायी नहीं देती है प्रकृति रुक लेना जरूरी होता है कहना अपनी बात और लिखना उसी को मजबूरी हो सकता है उसके लिये जो बोलना औ...
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सुशील कुमार जोशी
Almora, Uttarakhand, India
ना कविता लिखता हूँ ना कोई छंद लिखता हूँ अपने आसपास पड़े हुऎ कुछ टाट पै पैबंद लिखता हूँ ना कवि हूँ ना लेखक हूँ ना अखबार हूँ ना ही कोई समाचार हूँ जो हो घट रहा होता है मेरे आस पास हर समय उस खबर की बक बक यहाँ पर देने को तैयार हूँ ।
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