उलूक टाइम्स

"बर्बाद गुलिस्ताँ करने को बस एक ही उल्लू काफ़ी था हर शाख़ पे उल्लू बैठा है अंजाम-ए-गुलिस्ताँ क्या होगा " :- शौक़ बहराइची

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शनिवार, 26 अप्रैल 2014

अच्छी तरह से समझ लेना अच्छा होता है जब कोई समझा रहा होता है

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समझा कर जब कोई बहुत प्यार से कुछ समझा रहा होता है बस अच्छे दिन आने ही वाले हैं तुझे और बस तुझे ही केवल बता रहा होता है किसके आयेंगे कब तक आ...
8 टिप्‍पणियां:
गुरुवार, 8 मार्च 2012

सबक

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मायूस क्यों होता है भाई कुर्सी तेरे आदमी तक अगर नहीं पहुंच पायी तू लगा था सपने देखने मे तेरे हाथ भी कभी एक स्टूल आ ही जायेगा शेखचिल्ली बनेग...
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सुशील कुमार जोशी
Almora, Uttarakhand, India
ना कविता लिखता हूँ ना कोई छंद लिखता हूँ अपने आसपास पड़े हुऎ कुछ टाट पै पैबंद लिखता हूँ ना कवि हूँ ना लेखक हूँ ना अखबार हूँ ना ही कोई समाचार हूँ जो हो घट रहा होता है मेरे आस पास हर समय उस खबर की बक बक यहाँ पर देने को तैयार हूँ ।
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