उलूक टाइम्स

"बर्बाद गुलिस्ताँ करने को बस एक ही उल्लू काफ़ी था हर शाख़ पे उल्लू बैठा है अंजाम-ए-गुलिस्ताँ क्या होगा " :- शौक़ बहराइची

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शुक्रवार, 7 दिसंबर 2018

दिसम्बर ने दौड़ना शुरु कर दिया तेजी से बस जल्दी ही साल की बरसी मनायी जायेगी

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फिर  एक साल निकल लिया  संकेत  होनी के होने के  नजर आना शुरु हुए  अपनी ही सोच में  खुद की सोच का ही  कुछ गीला हिस्सा  शायद फिर से  आग पकड़ लि...
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सुशील कुमार जोशी
Almora, Uttarakhand, India
ना कविता लिखता हूँ ना कोई छंद लिखता हूँ अपने आसपास पड़े हुऎ कुछ टाट पै पैबंद लिखता हूँ ना कवि हूँ ना लेखक हूँ ना अखबार हूँ ना ही कोई समाचार हूँ जो हो घट रहा होता है मेरे आस पास हर समय उस खबर की बक बक यहाँ पर देने को तैयार हूँ ।
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