उलूक टाइम्स

"बर्बाद गुलिस्ताँ करने को बस एक ही उल्लू काफ़ी था हर शाख़ पे उल्लू बैठा है अंजाम-ए-गुलिस्ताँ क्या होगा " :- शौक़ बहराइची

समुंदर लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
समुंदर लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
रविवार, 4 दिसंबर 2011

पहचान

›
शब्दों के समुंदर में गोते लगाना और ढूँढ के लाना कुछ मोती इतना आसान कहां होता है कविता बता देती है तुम्हारे अंदर के कव्वे का पता जो सफेद शब्...
8 टिप्‍पणियां:
रविवार, 27 नवंबर 2011

सब की पसंद

›
मछलियों को बहलाता फुसलाता और बुलाता है वो अपने आप को एक बड़ा समुंदर बताता है पानी की एक बूंद भी नहीं दिखती कहीं आसपास फिर भी ना जाने क्यों ...
1 टिप्पणी:
›
मुख्यपृष्ठ
वेब वर्शन देखें
मेरी फ़ोटो
सुशील कुमार जोशी
Almora, Uttarakhand, India
ना कविता लिखता हूँ ना कोई छंद लिखता हूँ अपने आसपास पड़े हुऎ कुछ टाट पै पैबंद लिखता हूँ ना कवि हूँ ना लेखक हूँ ना अखबार हूँ ना ही कोई समाचार हूँ जो हो घट रहा होता है मेरे आस पास हर समय उस खबर की बक बक यहाँ पर देने को तैयार हूँ ।
मेरा पूरा प्रोफ़ाइल देखें
Blogger द्वारा संचालित.