उलूक टाइम्स

"बर्बाद गुलिस्ताँ करने को बस एक ही उल्लू काफ़ी था हर शाख़ पे उल्लू बैठा है अंजाम-ए-गुलिस्ताँ क्या होगा " :- शौक़ बहराइची

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रविवार, 25 नवंबर 2018

किसने कह दिया ‘उलूक’ कि पागलों को प्रयोग करने के लिये मना किया जाता है

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ये  अलग  बात है  हर तरफ  तमाशा  नजर आता है  लम्हा-ए-सुकूँ  सुकूँ  ख़याल में  फिर भी  आ  जाता है  जिसे आता है  उलझाना स...
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सुशील कुमार जोशी
Almora, Uttarakhand, India
ना कविता लिखता हूँ ना कोई छंद लिखता हूँ अपने आसपास पड़े हुऎ कुछ टाट पै पैबंद लिखता हूँ ना कवि हूँ ना लेखक हूँ ना अखबार हूँ ना ही कोई समाचार हूँ जो हो घट रहा होता है मेरे आस पास हर समय उस खबर की बक बक यहाँ पर देने को तैयार हूँ ।
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