उलूक टाइम्स

"बर्बाद गुलिस्ताँ करने को बस एक ही उल्लू काफ़ी था हर शाख़ पे उल्लू बैठा है अंजाम-ए-गुलिस्ताँ क्या होगा " :- शौक़ बहराइची

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शनिवार, 12 सितंबर 2015

गुनाह करने का आजकल बहुत बड़ा ईनाम होता है

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तेरी समझ में आ रहा होता है गुनाह और गुनहगार कहाँ नहीं होता है तुझे भी पता होता है होता रहे इससे कुछ नहीं होता है तू बेचता क्या है ना तू व...
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शुक्रवार, 25 अक्टूबर 2013

हर खाली कुर्सी में बैठा नहीं जाता है

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आँख में बहुत मोटा चश्मा लगाता है ज्यादा दूर तक देख नहीं पाता है लोगों से ही सुनाई देता है चाँद देखने के लिये ही आता जाता है वैसे किसी ने नह...
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सुशील कुमार जोशी
Almora, Uttarakhand, India
ना कविता लिखता हूँ ना कोई छंद लिखता हूँ अपने आसपास पड़े हुऎ कुछ टाट पै पैबंद लिखता हूँ ना कवि हूँ ना लेखक हूँ ना अखबार हूँ ना ही कोई समाचार हूँ जो हो घट रहा होता है मेरे आस पास हर समय उस खबर की बक बक यहाँ पर देने को तैयार हूँ ।
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