उलूक टाइम्स

"बर्बाद गुलिस्ताँ करने को बस एक ही उल्लू काफ़ी था हर शाख़ पे उल्लू बैठा है अंजाम-ए-गुलिस्ताँ क्या होगा " :- शौक़ बहराइची

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शनिवार, 15 दिसंबर 2018

जरूरी नहीं है लिखा जाये हमेशा काँव काँव

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तीन अक्षर शब्द शिशिर दिशाहीन की कोशिश  लिखने की दिशायें धवल उज्जवल प्रयास लिखे में दिखाने की कड़ाके की ठण्ड सिकुड़ती सोच शब्द वाक्यों पर बनाता...
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सुशील कुमार जोशी
Almora, Uttarakhand, India
ना कविता लिखता हूँ ना कोई छंद लिखता हूँ अपने आसपास पड़े हुऎ कुछ टाट पै पैबंद लिखता हूँ ना कवि हूँ ना लेखक हूँ ना अखबार हूँ ना ही कोई समाचार हूँ जो हो घट रहा होता है मेरे आस पास हर समय उस खबर की बक बक यहाँ पर देने को तैयार हूँ ।
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