उलूक टाइम्स

"बर्बाद गुलिस्ताँ करने को बस एक ही उल्लू काफ़ी था हर शाख़ पे उल्लू बैठा है अंजाम-ए-गुलिस्ताँ क्या होगा " :- शौक़ बहराइची

सेहत लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
सेहत लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
सोमवार, 20 अप्रैल 2020

पढ़ता कोई नहीं अपनी आँखों से सब पढ़ कर कोई और सुनाता है

›
बकवास करने में कौन सा क्या कुछ चला जाता है  फिर आजकल कुछ कहने सुनने क्यों नहीं आता है  सूरज रोज सुबह और चाँद शाम को ही जब आता है  ...
25 टिप्‍पणियां:
रविवार, 6 अप्रैल 2014

नहीं पड़ना ठीक होता है बीच में जहाँ कोई किसी और के आलू बो रहा होता है

›
सुना है कई कई बार बहुतों ने कहा है लिखा भी गया है इस पार से उस पार आज का नहीं बरसों पुराना हो गया है हर काम जो भी होता है यहाँ कहीं अल्ला ह...
11 टिप्‍पणियां:
›
मुख्यपृष्ठ
वेब वर्शन देखें
मेरी फ़ोटो
सुशील कुमार जोशी
Almora, Uttarakhand, India
ना कविता लिखता हूँ ना कोई छंद लिखता हूँ अपने आसपास पड़े हुऎ कुछ टाट पै पैबंद लिखता हूँ ना कवि हूँ ना लेखक हूँ ना अखबार हूँ ना ही कोई समाचार हूँ जो हो घट रहा होता है मेरे आस पास हर समय उस खबर की बक बक यहाँ पर देने को तैयार हूँ ।
मेरा पूरा प्रोफ़ाइल देखें
Blogger द्वारा संचालित.