उलूक टाइम्स

"बर्बाद गुलिस्ताँ करने को बस एक ही उल्लू काफ़ी था हर शाख़ पे उल्लू बैठा है अंजाम-ए-गुलिस्ताँ क्या होगा " :- शौक़ बहराइची

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बुधवार, 3 जनवरी 2024

रोज पढ़े फिर याद करे ‘उलूक’ उल्लू का अखबार

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उल्लू के अखबार में छपे सफ़ेद ही समाचार काले पढ़ नहीं पाते कुछ गोरे डालें बस अचार काला काला देखता सफ़ेद देखता एक के चार इन्द्रधनुष छुट्टी ले बै...
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बुधवार, 11 अप्रैल 2018

सौ पाँचसौ हजार के चक्कर में कौन नहीं आता है

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जिन्दगी शुरु होती है और गिनतियाँ शुरु हो जाती है शून्य कहीं भी किसी को नहीं सिखाया जाता है एक से शुरु की जाती हैं गिनतियाँ सारा सब कुछ प...
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सुशील कुमार जोशी
Almora, Uttarakhand, India
ना कविता लिखता हूँ ना कोई छंद लिखता हूँ अपने आसपास पड़े हुऎ कुछ टाट पै पैबंद लिखता हूँ ना कवि हूँ ना लेखक हूँ ना अखबार हूँ ना ही कोई समाचार हूँ जो हो घट रहा होता है मेरे आस पास हर समय उस खबर की बक बक यहाँ पर देने को तैयार हूँ ।
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