उलूक टाइम्स

"बर्बाद गुलिस्ताँ करने को बस एक ही उल्लू काफ़ी था हर शाख़ पे उल्लू बैठा है अंजाम-ए-गुलिस्ताँ क्या होगा " :- शौक़ बहराइची

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सोमवार, 1 अक्टूबर 2012

जानवर की खबर और आदमी की कबर

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हथिनी के बच्चे का  नहर में समाना कोशिश पर कोशिश  नहीं निकाल पाना हताशा में चिंघाड़ना  और चिल्लाना हाथियों के झुंड का  जंगल से निकल  कर आ जान...
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मंगलवार, 14 फ़रवरी 2012

समय

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कोयल की तरह कूँकने वाली हिरन की मस्त चाल चलने वाली बहुत भाती थी मनमोहनी रोज सुबह गली को एक खुश्बू से महकाते हुवे गुजर जाती थी दिन बरस साल ग...
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सुशील कुमार जोशी
Almora, Uttarakhand, India
ना कविता लिखता हूँ ना कोई छंद लिखता हूँ अपने आसपास पड़े हुऎ कुछ टाट पै पैबंद लिखता हूँ ना कवि हूँ ना लेखक हूँ ना अखबार हूँ ना ही कोई समाचार हूँ जो हो घट रहा होता है मेरे आस पास हर समय उस खबर की बक बक यहाँ पर देने को तैयार हूँ ।
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