उलूक टाइम्स

"बर्बाद गुलिस्ताँ करने को बस एक ही उल्लू काफ़ी था हर शाख़ पे उल्लू बैठा है अंजाम-ए-गुलिस्ताँ क्या होगा " :- शौक़ बहराइची

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रविवार, 12 मार्च 2017

होली ठैरी होला ठैरा ठैरा तो ठैरा ठैरा ठैरा ठैरी छोड़ ठर्रा ठर्री क्यों कहना ठैरा

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अब होली तो होली ठैरी सालों साल से होरी ठैरी होली पर ध्यान लगाओ ठैरा क्या ठैरा ठैरी क्या ठैरी से दिमाग हटाओ हर साल आने वाली ठैरी हर बार च...
1 टिप्पणी:
शुक्रवार, 14 मार्च 2014

इस बार भी चढ़ जायेगा रंग कहाँ कुछ नहीं बतायेगा

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होली के रंगो के बीच भंग की तरँगो के बीच रंग में रंग मत मिला मान जा एक ही रंग में रह कोशिश कर तिरंगा रंगों का मत फहरा रंगो का भी होता है कक...
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सुशील कुमार जोशी
Almora, Uttarakhand, India
ना कविता लिखता हूँ ना कोई छंद लिखता हूँ अपने आसपास पड़े हुऎ कुछ टाट पै पैबंद लिखता हूँ ना कवि हूँ ना लेखक हूँ ना अखबार हूँ ना ही कोई समाचार हूँ जो हो घट रहा होता है मेरे आस पास हर समय उस खबर की बक बक यहाँ पर देने को तैयार हूँ ।
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