उलूक टाइम्स

"बर्बाद गुलिस्ताँ करने को बस एक ही उल्लू काफ़ी था हर शाख़ पे उल्लू बैठा है अंजाम-ए-गुलिस्ताँ क्या होगा " :- शौक़ बहराइची

बुधवार, 7 नवंबर 2012

ले खा एक स्टेटमेंट अखबार में और दे के आ

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पागल उल्लू आज फिर अपनी औकात भुला बैठा आदत से बाज नहीं आया फिर एक बार लात खा बैठा बंदरों के उत्पात पर वक्तव्य एक छाप बंदरों के रिश्तेदारों...
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सुशील कुमार जोशी
Almora, Uttarakhand, India
ना कविता लिखता हूँ ना कोई छंद लिखता हूँ अपने आसपास पड़े हुऎ कुछ टाट पै पैबंद लिखता हूँ ना कवि हूँ ना लेखक हूँ ना अखबार हूँ ना ही कोई समाचार हूँ जो हो घट रहा होता है मेरे आस पास हर समय उस खबर की बक बक यहाँ पर देने को तैयार हूँ ।
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