बम फोड़ना
मकान उड़ाना
निरीह लोगों की हत्या
यूँ ही करते चले जाना
आतंक फैलाना
फिर
आतंकवादी कहलाना
खबर में छा जाना
पकड़े जाना
जेल चले जाना
दिखता है
हो रहा है
दिखाता है
होगा आगे भी
अभी और कुछ
देश कर सकता है तैयार
रक्षा रणनीति और हथियार
बिना रीढ़ की हड्डी
अपने ही घर की टिड्डी
उतरी हुई है मैदान मैं
उतार के अपनी चड्डी
हल्ला खूब मचाती है
लोगों को बताती है
आतंकवादियों से देश
को बचा लो बचा लो की
डुगडुगी रोज बजाती है
खूबसूरत
रंगीन पंख फैलाती है
सुंदर नाच भी दिखाती है
ध्यान बंटाती है
अंदर ही अंदर
अपने पैरों के
नाखूनों से
देश की नींव
खुरचती जाती है
अपने जैसी
सोच के लोगों को
इकट्ठा इस तरह
करती चली जाती है
एक भी
गोली नहीं चलाती
किसी को
बम से नहीं उड़ाती
बिना रीढ़ की हड्डी के
बाकी लोग माला ले आते हैं
टिड्डी को पहनाते हैं
जयजयकार के साथ
कंधे पर बैठा के जुलूस
उसका बनाते हैं
इसी सब में देश की
नींव दरकती जा रही है
सबको नींद आ रही है
आतंकवादी तो जेल में
बाँसुरी बजा रहा है
टिड्डा अपने भाई बहनों के
साथ सबका ध्यान बटा रहा है
कुछ नहीं दिखता है
कि
कुछ कहीं हो रहा है
ना दिखाता है कुछ होगा
देश कैसे कर सकता है तैयार
रक्षा रणनीति और हथियार।
मकान उड़ाना
निरीह लोगों की हत्या
यूँ ही करते चले जाना
आतंक फैलाना
फिर
आतंकवादी कहलाना
खबर में छा जाना
पकड़े जाना
जेल चले जाना
दिखता है
हो रहा है
दिखाता है
होगा आगे भी
अभी और कुछ
देश कर सकता है तैयार
रक्षा रणनीति और हथियार
बिना रीढ़ की हड्डी
अपने ही घर की टिड्डी
उतरी हुई है मैदान मैं
उतार के अपनी चड्डी
हल्ला खूब मचाती है
लोगों को बताती है
आतंकवादियों से देश
को बचा लो बचा लो की
डुगडुगी रोज बजाती है
खूबसूरत
रंगीन पंख फैलाती है
सुंदर नाच भी दिखाती है
ध्यान बंटाती है
अंदर ही अंदर
अपने पैरों के
नाखूनों से
देश की नींव
खुरचती जाती है
अपने जैसी
सोच के लोगों को
इकट्ठा इस तरह
करती चली जाती है
एक भी
गोली नहीं चलाती
किसी को
बम से नहीं उड़ाती
बिना रीढ़ की हड्डी के
बाकी लोग माला ले आते हैं
टिड्डी को पहनाते हैं
जयजयकार के साथ
कंधे पर बैठा के जुलूस
उसका बनाते हैं
इसी सब में देश की
नींव दरकती जा रही है
सबको नींद आ रही है
आतंकवादी तो जेल में
बाँसुरी बजा रहा है
टिड्डा अपने भाई बहनों के
साथ सबका ध्यान बटा रहा है
कुछ नहीं दिखता है
कि
कुछ कहीं हो रहा है
ना दिखाता है कुछ होगा
देश कैसे कर सकता है तैयार
रक्षा रणनीति और हथियार।
गंभीर विषय पर तीखी टिप्पणी |
जवाब देंहटाएंबधाई भाई जी ||
हम तो भाई अपनी नानी के घर इटली चले जायंगे-
अब वहां रोम - राज्य है |
नहीं तो स्विटज --|
बस जाते समय
विमान हाइजैक न होने पाए-
इसके लिए आदर सत्कार में लगा हुआ हूँ
जबसे मैया बोली है-
बहुत अच्छी प्रस्तुति!
जवाब देंहटाएं--
मेरे भारत की धरती पर जो आतंक मचायेगा।
उसे नाज-नखरों से बन्दीघर में पाला जायेगा।।
अतिथि देवो भव की, मर्यादा को क्योंकर छोड़ेंगे,
बैर-भाव को भुला, शत्रु से नातेदारी जोड़ेंगे,
हो अक्षम्य अपराध भले ही, प्राण नहीं लेंगे उसके,
हमें मिलेगी रूखी रोटी, वो बिरयानी खायेगा।
उसे नाज-नखरों से बन्दीघर में पाला जायेगा।।