चल रहा था
मुस्कुरा रहा था
हाथ की अंगुलियां
हिलाये जा रहा था
बड़बड़ा रहा था
उसके आस पास
जबकि कोई भी
दूर दूर तक कहीं
नजर नहीं आ रहा था
ये सब मैं उसके
सामने से देखता
हुआ आ रहा था
बगल से जैसे ही
वो निकला
मेरा दिमाग ऎसे चला
जैसे चलने वाली मशीन
का बटन किसी ने हो
तुरंत ही दबा दिया
मुस्कुरा रहा था
पक्का कोई अच्छी
खबर अभी अभी
सुन कर आ रहा था
हाथ हिला रहा था
पक्का क्या करने
जा रहा था
उसका प्लौट
अपने सामने से
देख पा रहा था
बड़बड़ा रहा था
पक्का शादी शुदा
होगा बता रहा था
जो कुछ बीबी से
कह नहीं पा रहा था
कह ले जा रहा था
अरे अरे देखिये
उसको तो जो भी
हुऎ जा रहा था
ये सब मैं काहे
सोच ले जा रहा था
अच्छा हुआ इस सब
के बीच मेरे अपने
सामने से कोई नहीं
दूर दूर तक आ रहा था।
मुस्कुरा रहा था
हाथ की अंगुलियां
हिलाये जा रहा था
बड़बड़ा रहा था
उसके आस पास
जबकि कोई भी
दूर दूर तक कहीं
नजर नहीं आ रहा था
ये सब मैं उसके
सामने से देखता
हुआ आ रहा था
बगल से जैसे ही
वो निकला
मेरा दिमाग ऎसे चला
जैसे चलने वाली मशीन
का बटन किसी ने हो
तुरंत ही दबा दिया
मुस्कुरा रहा था
पक्का कोई अच्छी
खबर अभी अभी
सुन कर आ रहा था
हाथ हिला रहा था
पक्का क्या करने
जा रहा था
उसका प्लौट
अपने सामने से
देख पा रहा था
बड़बड़ा रहा था
पक्का शादी शुदा
होगा बता रहा था
जो कुछ बीबी से
कह नहीं पा रहा था
कह ले जा रहा था
अरे अरे देखिये
उसको तो जो भी
हुऎ जा रहा था
ये सब मैं काहे
सोच ले जा रहा था
अच्छा हुआ इस सब
के बीच मेरे अपने
सामने से कोई नहीं
दूर दूर तक आ रहा था।
मन की स्थिति उसमे उठे भाव अच्छे से समेटे हैं शब्दों में बहुत खूब अक्सर ऐसा होता है
जवाब देंहटाएंभावमय बेहतरीन प्रस्तुति,,,,,
जवाब देंहटाएंRECENT POST ...: आई देश में आंधियाँ....
Bhavapoorn rachana abhivyakti ... abhaar
जवाब देंहटाएंबगल से जैसे ही
जवाब देंहटाएंवो निकला
मेरा दिमाग ऎसे चला
जैसे चलने वाली मशीन
का बटन किसी ने हो
तुरंत ही दबा दिया
मुस्कुरा रहा था
आदरणीय सुशील जी अभिवादन ..ये मन में भाव जब उमड़ने लगते हैं तो न जाने कितने प्रश्न कितने उत्तर उहापोह शतरंज की बाजी से चाल न जाने क्या क्या ...सुन्दर उद्गार मनः स्थिति के और अच्छी रचना ...भ्रमर ५
कोई न हो तभी तो इतना सोंच पाते हैं हम ..
जवाब देंहटाएंएक नजर समग्र गत्यात्मक ज्योतिष पर भी डालें
सही बात एहतियात बरतनी चाहिए क्या पता कोई देख ही ले सुन ही ले फिर दीवारों के भिओ होतें हैं कान ,बीवी से रहो सावधान ...
जवाब देंहटाएंसुन्दर पोस्ट |
जवाब देंहटाएंआकर्षक प्रस्तुति ||
वाह: बहुत सुन्दर..मन की स्थिति का सुन्दर चित्रण किया है होता है कभी कभी ऐसा....
जवाब देंहटाएंमन के भाव और स्थिति का चित्रण किया है कलम से .. शब्दों से ... बहुत खूब ..
जवाब देंहटाएंवह था या मैं ... पर कई कारण प्रलाप कर रहे थे
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर..
जवाब देंहटाएंक्योंकि सपना है अभी भी !
जवाब देंहटाएंपर आपका स्वगत है