सोमवार, 3 सितंबर 2012

अच्छी दिखे तो डूब मर

घरवाली
की आँखें
एक अच्छे
डाक्टर को
दिखलाते हैं

काला चश्मा
एक बनवा के
तुरंत दिलवाते हँ

रात को भी
जरूरी है
पहनना

एक्स्ट्रा
पैसे देकर
परचे में
लिखवाते हैं

दिखती हैं
कहीं भी
दो सुंदर
सी आँखें

बिना
सोचे समझे ही
कूद जाते हैं

तैराक होते हैं
पर तैरते नहीं
बस डूब जाते हैं

मरे हुऎ
लेकिन कहीं
नजर नहीं आते हैं

आयी हैं
शहर में
कुछ
नई आँखे

खबर पाते ही

गजब के
ऎसे कुछ
कलाकार

कूदने
की तैयारी
करते हुऎ

फिर
से हाजिर
हो जाते हैं

हम
बस यही
समझ पाते हैं

अच्छे
पिता जी
अपने बच्चों को

तैरना
क्यों नहीं
सिखाते हैं ।

6 टिप्‍पणियां:

  1. हा हा हा..

    पिताजी गंगा में तैरना सिखाते हैं
    बच्चे नाली में कूद जाते हैं।
    कलियुगी बच्चे
    शैतान नज़र आते हैं।:)

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  2. पिता जानते हैं
    आंखों की सुंदरता
    और,झील की गहराई भी
    उन्हें पता है यह भी
    कौन रोका है कब किसी के रोके!

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  3. सच कहा आपने जो समझते हैं हमें तैरना आता है जरुरी नहीं की वे हर जगह तैरकर पार पा ले ..
    बहुत बढ़िया सार्थक प्रस्तुति

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