शनिवार, 23 मार्च 2013

बेशरम उलूक है तू नहीं !

सबको
आता है 

बहुत
आता है

हवा देना
किसी भी बात को

नहीं आता है
लेकिन
कह देना
खुद बा खुद
उसी बात को

हर बात पर
ढूँता है वो
एक मुँह

जो कह डाले
खुले आम
उस बात को

उसकी
इसी बात
से वो खास
हो जाता है

कल तक
आम होता है
आज बादशाह
हो जाता है

बात उसकी
कहने वाला
भी बहुत
खास हो
जाता है

वो बहुत
सालों से
इसी तरह
कर रहा है
बातों की बातें

बहुत
बेशरम है वो
लेकिन
कपडे़ शानदार
पहन के आता है

देखने वाले
इज्जत से पेश
आते हैं

सारे के सारे
आस पास वाले
किसी को पता
भी नहीं होता है

घर जाता है
तो तबियत से
जूते खाता है

अब क्या क्या
कहानी सुनाये
‘उलूक’
किस किस को
यहाँ आ के

उसको तो
आदत है
कहने की

जो
किसी से
कहीं नहीं
कभी
कहा जाता है ।

3 टिप्‍पणियां:

  1. जो कह डाले
    खुले आम
    उस बात को
    उसकी इसी बात
    से वो खास
    हो जाता है
    कल तक
    आम होता है
    आज बादशाह
    हो जाता है-बादशाहत का राज है
    latest post भक्तों की अभिलाषा
    latest postअनुभूति : सद्वुद्धि और सद्भावना का प्रसार

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  2. कल तक
    आम होता है
    आज बादशाह
    हो जाता है-बादशाहत का राज है

    बहुत ही सुंदर रचना,,,


    होली की हार्दिक शुभकामनायें!
    Recent post: रंगों के दोहे ,

    जवाब देंहटाएं
  3. बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
    आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि-
    आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा आज रविवार के चर्चा मंच-1193 पर भी होगी!
    सूचनार्थ...सादर!

    जवाब देंहटाएं