मंगलवार, 24 सितंबर 2013

मर गयी बीमार नहीं थी बहुत खुश हो गयी थी

एक लड़की
हमेशा बहुत
खुश दिखती थी

शादी के सोलह
साल बाद
उम्मीद होने
से उसकी
खुशी दुगुनी
हो गयी थी

इंतजार की
घड़ियां कुछ
लम्बी जरूर
हो गयी थी

मगर होते
होते बहुत
छोटी हो
गयी थी

दो दिन
पहले
ही उससे
राह चलते
मुलाकात
भी हो
गई थी

कल हुई
थी सर्जरी
जो आजकल
के जमाने में
आम बात
हो गयी थी

बेटा हुआ
था और
खुशी की
बरसात
हो गयी थी

बस एक दिन
के बाद की
खबर आम
हो गई थी

खुशी खुशी
वो इस दुनिया
से ही विदा
हो गई थी

 डाक्टर ने
बताया
इतना खुश
हो गई थी
कि हमेशा
के लिये ही
सो गई थी

पहली बार
ही ऐसी बात
कुछ सुनी थी

मेरे लिये नयी
बस नयी सी थी
बीमारी से नहीं
खुशी से
हो गई थी

एक खुश
मिजाज लड़की
इतना खुश
हो गयी थी

मौत के साथ
खुशी खुशी
विदा हो गयी थी ।

5 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
    आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा आज बुधवार (25-09-2013) टोपी बुर्के कीमती, सियासती उन्माद ; चर्चा मंच 1379... में "मयंक का कोना" पर भी है!
    हिन्दी पखवाड़े की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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  2. आप की इस प्रविष्टि की चर्चा कल {बृहस्पतिवार} 26/09/2013 को "हिंदी ब्लॉगर्स चौपाल {चर्चामंच}" पर.
    आप भी पधारें, सादर ....राजीव कुमार झा

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