मंगलवार, 29 अक्तूबर 2013

बात ही अजीब हो तो कोई कैसे समझ पायेगा

कई बार
बहुत सारे
विषय
हो जाते हैं

लिखने
लिखने तक
सारे के
सारे ही
भूले जाते हैं

सोच ही
रहा था
आज उनमें
से किस पर
अच्छा सा कुछ
लिखा जायेगा

किसे
मालूम था
कुत्ता
आज ही
कहीं से
मार खा
कर चला
आयेगा

जानता था
विज्ञान को
समझना
बहुत मुश्किल
नहीं कभी
हो पायेगा

पता नहीं था
आस पास का
मनोविज्ञान ही
हमेशा
कुछ यूं
घुमायेगा

और एक
अजीब सा
इत्तेफाक
ये हो जायेगा

डाकिया
जितनी बार
अच्छी खबर
का एक
पोस्टकार्ड
ला कर
घर पर
दे जायेगा

शुभकामनाओं
की उम्मीद
किसी से ऐसे में
कोई कैसे
कर पायेगा

जब
हर अच्छी
खबर के बाद
किसी के
घर का
कुत्ता

हमेशा ही
मार
कहीं से खा
कर चला
आयेगा ।

9 टिप्‍पणियां:

  1. हम देते हैं आपको ढेर सारी शुभकामनाएँ बहुत ही जगमग दीपावली के लिये। थोडी तो मिढाी कुत्ते के हिस्से भी आनी चाहिये।

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  2. इस पोस्ट की चर्चा, बृहस्पतिवार, दिनांक :-31/10/2013 को "हिंदी ब्लॉगर्स चौपाल {चर्चामंच}" चर्चा अंक -37 पर.
    आप भी पधारें, सादर ....

    जवाब देंहटाएं
  3. आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 31-10-2013 के चर्चा मंच पर है
    कृपया पधारें
    धन्यवाद

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  4. लिखने को कितना पड़ा, लेकिन जाता भूल।
    अपनी कलम चलाइए, मौसम है अनुकूल।।

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