रविवार, 30 मार्च 2014

‘स्व. श्रीमति मंजू तिवारी स्मृति व्याख्यान' ‘हृदय रोग–समस्या एवं निदान’ वक्ता- डा ओ. पी. यादव

उसने कही  
दिल वालों
ने समझी
आज थोड़ा सा
दिल की बात
हुई मेरे
शहर में

कुछ दिल वाले
दिल अपना अपना
लिये हुऐ पहुँच गये
आज के निमंत्रण में
दिल की हालत
और हालात पर
हुई कुछ बातें
कुछ बहस
सुनी सभी ने
पूछे प्रश्न भी
थोड़े बहुत पर
बात पूरी होने
के बाद अंत में
दिल की चीर फाड़
और सिलाई में
दक्ष विशेषज्ञ
बातों बातों में
पूरा ही दिल
खोल कर दिखा गया
कहाँ कहाँ है
खतरा दिल के
फेल हो जाने का
तस्वीर पर तस्वीर
दिखा दिखा कर
सब कुछ समझा गया
सिगरेट तम्बाकू
खान पान
लाईफ स्टाईल के
स्टाईल पर
सब कान लगा कर
सुनते हुऐ नजर आये
वाईन व्हिस्की बियर
थोड़ी थोड़ी पी लेने
की बात पर
सहमत होते डाक्टर
के सुझाव पर
बहुत से चेहरे
गुलाबी लाल होते
हुऐ खिल आये
शरीर दिमाग और
आत्मा का दिल से
किस तरह
का है वास्ता
फलसफा आध्यात्म
से भी कहीँ ना कहीं
जोड़ने वाले जोड़ते
से भी नजर आये
घर समाज देश के
दिलों की धमनियों में
भरते हुऐ वसा और
तेल भरने वाली
महान आत्माओं
के चिंतन से
चिंतन की टक्करों
के चक्करों में
पड़ने की बातों को
क्यों फालतू में
यहाँ जोड़ा जाये
इसी बात पर
जोर देता हुआ
धड़कते हुऐ दिल
की धड़कन को
“उलूक” ने सोचा
और काहे को
बढ़ाया जाये
घर शहर मौहल्ले
के दिलों को
टटोलने से कुछ
नहीं होने वाला है
देश के दिल पर
होने वाले अटैक पर
क्यों ना आजकल
विशेष ध्यान देने की
बात को कान में
अब हर किसी के
फूँका जाये ।

4 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
    --
    आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा आज रविवार (31-03-2014) को "'बोलते शब्द'' (चर्चा मंच-1568) पर भी है!
    --
    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
    --
    नवसम्वतसर २०७१ की
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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  2. दिल से दिलतक राष्ट्र के सुन्दर पैरहन की रचना :

    देश के दिल पर
    होने वाले अटैक पर
    क्यों ना आजकल
    विशेष ध्यान देने की
    बात को कान में
    अब हर किसी के
    फूँका जाये ।

    जवाब देंहटाएं