गुरुवार, 9 सितंबर 2021

एक कबूतर लिख एक कबूतर खाना लिख गुटरगूं लिख चोंच लड़ाना लिख

 

मय लिख मयखाना लिख
कुछ पीना लिख  कुछ पैमाना लिख

दिन हो गये कुछ नहीं लिखे
लिख ले किसी दिन सारा जमाना लिख

नियम लिखने लिखाने के रहने दे
बेखौफ लिख 
लेखक एक दीवाना लिख

किस ने रोकना है लिखने लिखाने को
एक बन्दूक लिख 
एक बंदर को डराना लिख

गलत है बंद हो जाना कोटर में
मत पहन
एक रखा हुआ पैजामा लिख

अच्छा नहीं है कुछ नहीं लिखना
कुछ लिख
लिखने वालों का कुछ इतराना लिख

रहने दे मत लिख 
कबूतर उड़ाने वालों की बात
लिख एक कबूतरखाना लिख

लिखने लिखाने को लिख धूप दिखा
धुएं धुएं में धुएं का धुआं हो जाना लिख

कहीं भी नहीं है जब
वो जिसे जहां होना होता है
लिख कुछ हुआ 
लिख कुछ हो रहा
लिख
कल के  कुछ होने का 
हो जाना  लिख

‘उलूक’
फोड़ कुछ 
फोड़ सकता है
होना कुछ भी नहीं है किसी से
कुछ फोड़ ले
बच गया कुछ चोंच लड़ाना लिख

चित्र साभार: https://www.alamyimages.fr/

13 टिप्‍पणियां:

  1. नियम लिखने लिखाने के रहने दे
    बेखौफ लिख
    लेखक एक दीवाना लिख,,,,,,, बहुत सटीक एवं सुंदर ,,,

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  2. आपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आज शुक्रवार 10 सितम्बर 2021 शाम 3.00 बजे साझा की गई है.... "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में एकल रचना " पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!

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  3. मय और मयखाना लिख दिया तो बाकी सब माफ़ ...
    दिखाई भी कहाँ देता है लिखा हुआ ...
    गणेश चतुर्थी की हार्दिक बधाई हो ...

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  4. बच गया कुछ चोंच लड़ाना सीख... वाह! बहुत खूब!!!

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  5. कहीं भी नहीं है जब
    वो जिसे जहां होना होता है
    लिख कुछ हुआ
    लिख कुछ हो रहा
    लिख
    कल के कुछ होने का
    हो जाना लिख
    हो या फिर ना हो बस लिख लो लिखना जरूरी है कुछ के लिए लिखा हुआ ही सत्य है ,काफी है सच क्या है इससे किसी को क्या....
    लाजवाब सृजन
    वाह!!!

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  6. जी नमस्ते ,
    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार(११-०९-२०२१) को
    'मेघ के स्पर्धा'(चर्चा अंक-४१८४)
    पर भी होगी।
    आप भी सादर आमंत्रित है।
    सादर

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  7. बस लिखता रह मनु, क्या परेशानी है, परेशान होने दें पढ़ने वाले को तू बस लिख लिख और लिख जो भी जभी भी जहाँ भी ।
    वाह! गजब!!

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  8. लेखन धर्म का अच्छे से निर्वाहन हो गया है
    साधुवाद

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  9. लिखनेवाला लिखता रहे और पढ़नेवाला परेशान होता रहे। बहुत खूब।

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  10. लेखक के लिए लिखना नितांत आवश्यक है !! सकारात्मक भाव !!

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  11. आपको पढ़ते हुए न जाने कहां-कहां छिपी हुई मुस्कान आने लगती है और न जाने कितनी ही बातें समझ में आ जाती है । बहुत ही बढ़िया कहा ।

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  12. सुंदर अभिव्यक्ति आदरणीय । बहुत बधाइयाँ ।

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  13. लिखने लिखाने को लिख धूप दिखा
    धुएं धुएं में धुएं का धुआं हो जाना लिख....कितना सही,क्या क्या और कितना कुछ शब्दों में लिख दिया आपने,सुंदर सृजन ।

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