शनिवार, 2 सितंबर 2023

समय बताएगा समय ही बताता है आंखे बंद को सब कुछ साफ़ नजर आता है

 

इसी सफ़ेद कागज़ में लिखा हुआ
एक कबूतर
किसी दिन किसी को नजर ही नहीं आता है

किसी दिन यही कबूतर
उसी के लिए वो एक कौआ हो जाता है
किसी दिन
मूड बहुत अच्छा होता है
कोयल की कुहू कुहू भी उसी के साथ लिखा जैसा
उसी से पढ़ लिया जाता है

समय ने
तब भी बताया था समय अब भी बता रहा है
और
समय ही है जो आघे भी बताएगा

सब की समझ में आता है
देखने सुनने और समझने में हमेशा फर्क रहता है
आगे भी रहना चाहिए
सब को अपने अपने हिसाब से
अपना अपने मतलब का समझ में आ ही जाता है
कौन किसे ये बात खुद अपने आप दूसरे को बताता है?

क्या लिखते हैं
कभी भी समझ नहीं पाते हैं लोग
कहते हैं हमेशा कौन शरमाता है?
हम भी समझते हैं कुछ कुछ
कुछ लोगों को अलग बात है
बस बताने में कुछ संकोच सा हो जाता है

फिर भी कोशिश करते हैं लिखते चले जाते हैं
पता होता है
बस यहाँ ही कागजी तलवार चला ले जाना
सब को ही आता है

लिखे पर
लिखा आपका बता जाता है
आप पढ़े लिखे हो समझ में आपके सब कुछ आ जाता है
और यही लिखा लेखक को आपके बारे में
सब कुछ साफ़ साफ़ बता जाता है

लिखे को पढ़कर
उस पर कुछ लिखने वाले की तस्वीर
सामने से आ जाती है
  लिखने वाले के कबूतर को
पढ़ने वाला
कौवा एक देख जब जाता है

समय जरूर बताएगा
समय सबको सब कुछ सही सही बता जाता है

गलतफहमी बनी रहनी भी जरूरी है
भाग्य से ही सही
बन्दर हनुमान जैसा नजर आता है

‘उलूक’ अपनी आँखों से देखना बहुत अच्छा है
बन्दर को हनुमान
बन्दर को बन्दर देखने वाले को
 समय बतायेगा कहना जुलम हो जाता है |

चित्र साभार : https://www.istockphoto.com/

27 टिप्‍पणियां:

  1. आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों के आनन्द में" सोमवार 04 सितंबर 2023 को लिंक की जाएगी .... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ... धन्यवाद! !

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  2. आह... सटीक
    जुलम ही करते रहें है पढ़े लिखे लोग सरकारों पर सियासत पर.
    कबूतर... अच्छा है.

    पधारिये- संस्कृति - विकृति

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  3. समय जरूर बताएगा
    समय सबको सब कुछ सही सही बता जाता है
    बिलकुल सही!

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  4. कबूतर, कौआ और कोयल में एक समानता है, सब क से शुरू होते हैं, किसी किसी को ही हर भेद होते हुए भी जो समान है दिख जाता है

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  5. लिखने वाले के कबूतर को
    पढ़ने वाला
    कौवा एक देख जब जाता है
    -तेज मुस्कान उभरी
    लिखते रहा कीजिये: मुस्कान बाँटा कीजिये
    वन्दन

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  6. सब की समझ में आता है
    देखने सुनने और समझने में हमेशा फर्क रहता है
    आगे भी रहना चाहिए
    सब को अपने अपने हिसाब से
    अपना अपने मतलब का समझ में आ ही जाता है
    बहुत सुन्दर सृजन सर ! सादर वन्दे !

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  7. और यही लिखा लेखक को आपके बारे में
    सब कुछ साफ़ साफ़ बता जाता है

    लिखे को पढ़कर
    उस पर कुछ लिखने वाले की तस्वीर
    सामने से आ जाती है
    बहुत सटीक... सही कहा..
    बहुत ही लाजवाब... अद्भुत
    वाह!!!

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  8. शब्दों के लपेटे मे,बड़े सहज रूप से पते की बात रख देना आपको ख़ूब आता है!

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  9. लेखक और पाठक के बीच जो घटता है उसका प्रभावी विश्लेषण

    बहुत अच्छी रचना
    प्रणाम

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  10. समय जरूर बताएगा
    समय सबको सब कुछ सही सही बता जाता है.. वाकई!!
    सामाजिक और सामयिक विसंगतियों पर गहन अवलोकन के उपरांत निकलती आपकी रचनाएं समय को देखने की कई दृष्टि दे जाती हैं।

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  11. सब को अपने अपने हिसाब से
    अपना अपने मतलब का समझ में आ ही जाता है
    कौन किसे ये बात खुद अपने आप दूसरे को बताता है?
    बहुत सुन्दर Sir... 🙏💐

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  12. अद्भुत विचार शक्ति, विलक्षण दृष्टि।
    सादर।

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  13. आपका निरंतर ब्लॉग से जुड़े रहना वंदनीय है। मैं तो भटक जाता हूँ। 👏

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  14. बहुत सुन्दर सृजन ! हार्दिक शुभकामनाएँ सर ! सादर वन्दे!

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  15. बहुत कुछ कह जाते हैं आप इन बातों में ...

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  16. सही कहा..समय पर समय ही सबकुछ बताएगा। सरल शब्दों में बहुत कुछ बयां करती सुंदर रचना।

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