गुरुवार, 28 दिसंबर 2023

बातें करिए बातें बोइये बातें खेलिए करना किसी को नहीं है कुछ कहीं

कोशिश करते रहिये
कहने की सच
बात अलग है
कहने भर से ही बस काम नहीं हो जाएगा
जो कहा गया है उसको
किसी हजूर के तराजू में तोला भी जाएगा
बांट लिखने वाले के होंगे भी नहीं
कोर्ट कचहरी की अंधी मूर्ती से भी
काम नहीं चल पायेगा
आप से बस
हमेशा जोर लगा कर पूछा जाएगा
आप क्या सोच रहे हो
आपकी सोच को
इस तरह
सार्वजनिक किया जाएगा
सब शामिल हैं
इस खेल में घर से लेकर मैदान तक
बल्ला आपको दिए बिना
आपसे क्रिकेट खेलने को कहा जाएगा
बातें करिए बातों मैं कहीं भी आपको
आयकर लगा नजर नहीं आयेगा
जो जितना लंबा फेंकेगा
सोने का मैडल उसी के हाथ नजर आयेगा
प्रतिस्पर्धा कहीं है ही नहीं
मुकाबला करने आने वाले की
मुट्ठी गरम कर उसे
गीता का ज्ञान दिया जाएगा
एक ही चेहरे के साथ जीने वाले को
नरक ज्ञान की आभासी दुनियाँ
से भटका कर स्वर्गलोक में
होने का आभास
बातों से ही दे दिया जाएगा
बातें करिए बातें बोइये बातें खेलिए
करना किसी को नहीं है कुछ कहीं
‘उलूक’ तू खुद सोच ले
अपने दिन का सपना
तेरा रात का बकबकाना ही कहीं
तेरा फांसी का फंदा
तेरे लिए तो नहीं एक बन जाएगा ?

चित्र साभार : https://navbharattimes.indiatimes.com/

6 टिप्‍पणियां:

  1. क्या होगा,क्या नहीं ,आयेगा,जायेगा बनेगा या बिगड़ जायेगा,
    कल्पनाओं के घोड़े दौड़ाते हुए विचार लगाम कैसे लगायेगा...।
    संभावनाओं पर चिंतित लेखनी विचारणीय है..।
    प्रणाम सर
    सादर
    ---
    जी नमस्ते,
    आपकी लिखी रचना शुक्रवार २९ दिसम्बर २०२३ के लिए साझा की गयी है
    पांच लिंकों का आनंद पर...
    आप भी सादर आमंत्रित हैं।
    सादर
    धन्यवाद।

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  2. अति उत्तम सृजन जो बहुत कुछ सोचने पर मजबूर करता है।

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  3. ‘उलूक’ तू खुद सोच ले
    अपने दिन का सपना
    तेरा रात का बकबकाना ही कहीं
    तेरा फांसी का फंदा
    तेरे लिए तो नहीं एक बन जाएगा ?

    होता अक्सर यही है........हमेशा की तरह सोचने पर मजबूर करती रचना,सादर नमन सर

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  4. बातें करिए बातों मैं कहीं भी आपको
    आयकर लगा नजर नहीं आयेगा
    जो जितना लंबा फेंकेगा
    सोने का मैडल उसी के हाथ नजर आयेगा
    प्रतिस्पर्धा कहीं है ही नहीं
    मुकाबला करने आने वाले की
    मुट्ठी गरम कर उसे
    गीता का ज्ञान दिया जाएगा
    बहुत सुन्दर पंक्तियाँ 🙏

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  5. बातें करिए बातों मैं कहीं भी आपको
    आयकर लगा नजर नहीं आयेगा
    जो जितना लंबा फेंकेगा
    सोने का मैडल उसी के हाथ नजर आयेगा
    वाह!!!!
    बिल्कुल सही कहा आपने आ. जोशी जी ! करो मत बस कहो...बोल लो बोल तो टैक्स फ्री हैं ।जो जितना बोला कुर्सी उसी की ....
    प्रतिस्पर्धा कहीं है ही नहीं
    मुकाबला करने आने वाले की
    मुट्ठी गरम कर उसे
    गीता का ज्ञान दिया जाएगा
    बस फिर एकछत्र राज....
    वाह!!!
    एकदम खरी -खरी
    लाजवाब👌👌🙏🙏

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