उलूक टाइम्स

"बर्बाद गुलिस्ताँ करने को बस एक ही उल्लू काफ़ी था हर शाख़ पे उल्लू बैठा है अंजाम-ए-गुलिस्ताँ क्या होगा " :- शौक़ बहराइची

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शनिवार, 15 मई 2021

क्या बेवफाई क्या रुसवाई क्या समझ क्या सोच लिखना जरूरी है इससे पहले कोई बताये दरवाजे पर खड़ी है मौत आई है

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जो कहीं नहीं है बस वही नजर आये जो सब जगह है उसे बताने की मनाही है सब को सब समझ में कहाँ आता है आ भी गया तो कह देना दूसरी लहर आई है महफिल कह...
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सुशील कुमार जोशी
Almora, Uttarakhand, India
ना कविता लिखता हूँ ना कोई छंद लिखता हूँ अपने आसपास पड़े हुऎ कुछ टाट पै पैबंद लिखता हूँ ना कवि हूँ ना लेखक हूँ ना अखबार हूँ ना ही कोई समाचार हूँ जो हो घट रहा होता है मेरे आस पास हर समय उस खबर की बक बक यहाँ पर देने को तैयार हूँ ।
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