उलूक टाइम्स

"बर्बाद गुलिस्ताँ करने को बस एक ही उल्लू काफ़ी था हर शाख़ पे उल्लू बैठा है अंजाम-ए-गुलिस्ताँ क्या होगा " :- शौक़ बहराइची

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बुधवार, 28 मई 2014

छोटी छोटी चीजें बहुत कुछ सिखाती हैं

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आकाँक्षाओं के महत्व को समझती हैं मकड़ियाँ बहुत महत्वाकाँक्षी होती हैं मकड़ियाँ मिलकर कभी भी जाले नहीं बनाया करती हैं मकड़ियाँ बहुत प्रकार और आ...
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सुशील कुमार जोशी
Almora, Uttarakhand, India
ना कविता लिखता हूँ ना कोई छंद लिखता हूँ अपने आसपास पड़े हुऎ कुछ टाट पै पैबंद लिखता हूँ ना कवि हूँ ना लेखक हूँ ना अखबार हूँ ना ही कोई समाचार हूँ जो हो घट रहा होता है मेरे आस पास हर समय उस खबर की बक बक यहाँ पर देने को तैयार हूँ ।
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