उलूक टाइम्स

"बर्बाद गुलिस्ताँ करने को बस एक ही उल्लू काफ़ी था हर शाख़ पे उल्लू बैठा है अंजाम-ए-गुलिस्ताँ क्या होगा " :- शौक़ बहराइची

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मंगलवार, 18 अगस्त 2020

तो बेशरम उलूक कब छोड़ेगा तू लिखना बकवास छोड़ ही दे ये नादानी है

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  अरे  सब तो लिख रहे हैं  कुछ ना कुछ  मेरे लिखे से क्या परेशानी है  मैं तो कब से लिख रहा हूँ  मुझे खुद पता नहीं है  मेरे लिखे लिखाये में कित...
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सुशील कुमार जोशी
Almora, Uttarakhand, India
ना कविता लिखता हूँ ना कोई छंद लिखता हूँ अपने आसपास पड़े हुऎ कुछ टाट पै पैबंद लिखता हूँ ना कवि हूँ ना लेखक हूँ ना अखबार हूँ ना ही कोई समाचार हूँ जो हो घट रहा होता है मेरे आस पास हर समय उस खबर की बक बक यहाँ पर देने को तैयार हूँ ।
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