उलूक टाइम्स

"बर्बाद गुलिस्ताँ करने को बस एक ही उल्लू काफ़ी था हर शाख़ पे उल्लू बैठा है अंजाम-ए-गुलिस्ताँ क्या होगा " :- शौक़ बहराइची

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शनिवार, 23 मार्च 2013

बेशरम उलूक है तू नहीं !

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सबको आता है  बहुत आता है हवा देना किसी भी  बात को नहीं आता है लेकिन कह देना खुद बा खुद उसी बात को हर बात पर ढूँ ढ ता है वो एक मुँह जो कह...
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मंगलवार, 19 फ़रवरी 2013

तिनका दाढ़ी और चोर

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अब  अपने  खेत में भी  अपना ही  अनाज  उगाना  जैसे  कोई गुनाह होते जा रहा है  जिसे देखो जोर लगा कर पूछते हुऎ  जरा भी नहीं शरमा रहा है  भाई तू ...
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सुशील कुमार जोशी
Almora, Uttarakhand, India
ना कविता लिखता हूँ ना कोई छंद लिखता हूँ अपने आसपास पड़े हुऎ कुछ टाट पै पैबंद लिखता हूँ ना कवि हूँ ना लेखक हूँ ना अखबार हूँ ना ही कोई समाचार हूँ जो हो घट रहा होता है मेरे आस पास हर समय उस खबर की बक बक यहाँ पर देने को तैयार हूँ ।
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