उलूक टाइम्स

"बर्बाद गुलिस्ताँ करने को बस एक ही उल्लू काफ़ी था हर शाख़ पे उल्लू बैठा है अंजाम-ए-गुलिस्ताँ क्या होगा " :- शौक़ बहराइची

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शनिवार, 18 जुलाई 2020

जमाने को पागल बनाओ

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दूर कहीं आसमान में  उड़ती चील दिखाओ  कुछ हवा की बातें करो कुछ बादलों की चाल बताओ कुछ पुराने सिक्के घर के मिट्टी के तेल से साफ कर चमक...
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शनिवार, 9 अगस्त 2014

बचपन से चलकर यहाँ तक गिनती करते या नहीं भी करते पर पहुँच ही जाते

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दिन के आसमान में उड़ते हुऐ चील कौओं कबूतरों के झुंड और रात में आकाश गंगा के चारों ओर बिखरे मोती जैसे तारों की गिनती करते करते एक दो तीन ...
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सुशील कुमार जोशी
Almora, Uttarakhand, India
ना कविता लिखता हूँ ना कोई छंद लिखता हूँ अपने आसपास पड़े हुऎ कुछ टाट पै पैबंद लिखता हूँ ना कवि हूँ ना लेखक हूँ ना अखबार हूँ ना ही कोई समाचार हूँ जो हो घट रहा होता है मेरे आस पास हर समय उस खबर की बक बक यहाँ पर देने को तैयार हूँ ।
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