उलूक टाइम्स

"बर्बाद गुलिस्ताँ करने को बस एक ही उल्लू काफ़ी था हर शाख़ पे उल्लू बैठा है अंजाम-ए-गुलिस्ताँ क्या होगा " :- शौक़ बहराइची

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मंगलवार, 21 अप्रैल 2015

अर्जुन और मछली की कहानी आज भी होती है

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अर्जुन अब अपनी मछली को साथ में रखता है  उसकी आँख पर अब भी उसकी नजर होती है  अर्जुन का निशाना आज भी नहीं चूकता है  बस जो बदल गया है वो  कि म...
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शनिवार, 16 मार्च 2013

सब हैं नीरो जा तू भी हो जा

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हर शख्स के पास होती है आँख हर शख्स अर्जुन भी होता है तू बैचेन आत्मा इधर उधर देखता है फिर फिरता रोता है किसने कहा तुझसे ठेका तेरा ही ...
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सुशील कुमार जोशी
Almora, Uttarakhand, India
ना कविता लिखता हूँ ना कोई छंद लिखता हूँ अपने आसपास पड़े हुऎ कुछ टाट पै पैबंद लिखता हूँ ना कवि हूँ ना लेखक हूँ ना अखबार हूँ ना ही कोई समाचार हूँ जो हो घट रहा होता है मेरे आस पास हर समय उस खबर की बक बक यहाँ पर देने को तैयार हूँ ।
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