उलूक टाइम्स

"बर्बाद गुलिस्ताँ करने को बस एक ही उल्लू काफ़ी था हर शाख़ पे उल्लू बैठा है अंजाम-ए-गुलिस्ताँ क्या होगा " :- शौक़ बहराइची

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शनिवार, 16 जुलाई 2022

पर्व “हरेला” की बधाई और शुभकामनाओं के बहाने दो बात हरी हरी

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  एक लम्बे समय तक  यूँ ही  खुद ब खुद स्याही उगलती लेखनी धीरे धीरे शाँत हो चली कल ही किसी ने पूछ लिया  लिख नहीं रहे हो आजकल क्या बताता  लिखा...
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रविवार, 27 अक्टूबर 2019

शुभकामनाएं पर्व दीपावली पटाखे फुलझड़ी भी नहीं

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कुछ रोशनी की करनी हैं बातें और कुछ भी नहीं दीवाली अलग है इस बार की पहले जैसे अब नहीं अंधेरा अब कहीं होता ही नहीं जिक...
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सुशील कुमार जोशी
Almora, Uttarakhand, India
ना कविता लिखता हूँ ना कोई छंद लिखता हूँ अपने आसपास पड़े हुऎ कुछ टाट पै पैबंद लिखता हूँ ना कवि हूँ ना लेखक हूँ ना अखबार हूँ ना ही कोई समाचार हूँ जो हो घट रहा होता है मेरे आस पास हर समय उस खबर की बक बक यहाँ पर देने को तैयार हूँ ।
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