उलूक टाइम्स

"बर्बाद गुलिस्ताँ करने को बस एक ही उल्लू काफ़ी था हर शाख़ पे उल्लू बैठा है अंजाम-ए-गुलिस्ताँ क्या होगा " :- शौक़ बहराइची

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शनिवार, 29 अप्रैल 2023

भीड़ से निकल बस्ती नहीं शहर लिख दे

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एक लहर उठती है उठे कहर लिख दे एक लहर बैठती है बैठे ठहर  लिख दे भीड़ से निकल बस्ती नहीं शहर लिख दे कोशिश कर कुछ मीठा सा जहर लिख दे नशे में र...
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शनिवार, 19 नवंबर 2022

स्वागत है: शहर आपके कदमों की बस आहट से आबाद है

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  सबसे सही आदमी सुना है आज शहर में है शहर सुना है मगर खुद कहीं बहर में है ये सुनना सुनाना सुन लीजिये अच्छी बात नहीं है सही आदमी है शहर मे है...
21 टिप्‍पणियां:
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सुशील कुमार जोशी
Almora, Uttarakhand, India
ना कविता लिखता हूँ ना कोई छंद लिखता हूँ अपने आसपास पड़े हुऎ कुछ टाट पै पैबंद लिखता हूँ ना कवि हूँ ना लेखक हूँ ना अखबार हूँ ना ही कोई समाचार हूँ जो हो घट रहा होता है मेरे आस पास हर समय उस खबर की बक बक यहाँ पर देने को तैयार हूँ ।
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