उलूक टाइम्स

"बर्बाद गुलिस्ताँ करने को बस एक ही उल्लू काफ़ी था हर शाख़ पे उल्लू बैठा है अंजाम-ए-गुलिस्ताँ क्या होगा " :- शौक़ बहराइची

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शनिवार, 5 मई 2012

चोर ना ना कामचोर

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बहाने के ऊपर जब बहाने को चढ़ाते हैं बहाने का समुंदर कब वो लबालब भर ले जाते हैं पता कुछ कहाँ कोई कर पाते हैं अंदाज उस समय ही आ पाता है जब ब...
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शुक्रवार, 20 अप्रैल 2012

नमस्ते हैलो हाय

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नमस्ते हैलो हाय वो जब उधर से आई इधर की महिलायें भी जवाब में मुस्कुराई बहुत दिन से आप नहीं दी हमको दिखाई हाँ रे मै ना ज्यादातर उधर से ही आती...
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सुशील कुमार जोशी
Almora, Uttarakhand, India
ना कविता लिखता हूँ ना कोई छंद लिखता हूँ अपने आसपास पड़े हुऎ कुछ टाट पै पैबंद लिखता हूँ ना कवि हूँ ना लेखक हूँ ना अखबार हूँ ना ही कोई समाचार हूँ जो हो घट रहा होता है मेरे आस पास हर समय उस खबर की बक बक यहाँ पर देने को तैयार हूँ ।
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