उलूक टाइम्स

"बर्बाद गुलिस्ताँ करने को बस एक ही उल्लू काफ़ी था हर शाख़ पे उल्लू बैठा है अंजाम-ए-गुलिस्ताँ क्या होगा " :- शौक़ बहराइची

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रविवार, 15 सितंबर 2019

काम है रोजगार है बेरोजगार मौज के लिये बेरोजगार है ना जाने कब बेवकूफों के समझ में आयेगा

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कितने पन्ने  और  कब तलक  आखिर कोई  रद्दी में  बेचने  के  लिये जायेगा लिखते लिखते  कुछ भी  कहीं भी  कभी...
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बुधवार, 5 मार्च 2014

जरूरी नहीं होती है हर बात की कब्र कहीं खुदी होना

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बेरोजगार के दर्द की दवा नहीं होती है और रोजगारी में बेरोजगार होने की बात किसी से कभी भी कहनी नहीं होती है बहुत तरह के होते हैं क्या होते ह...
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सुशील कुमार जोशी
Almora, Uttarakhand, India
ना कविता लिखता हूँ ना कोई छंद लिखता हूँ अपने आसपास पड़े हुऎ कुछ टाट पै पैबंद लिखता हूँ ना कवि हूँ ना लेखक हूँ ना अखबार हूँ ना ही कोई समाचार हूँ जो हो घट रहा होता है मेरे आस पास हर समय उस खबर की बक बक यहाँ पर देने को तैयार हूँ ।
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