उलूक टाइम्स

"बर्बाद गुलिस्ताँ करने को बस एक ही उल्लू काफ़ी था हर शाख़ पे उल्लू बैठा है अंजाम-ए-गुलिस्ताँ क्या होगा " :- शौक़ बहराइची

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गुरुवार, 26 दिसंबर 2013

आज कुत्ते का ही दिन है समझ में आ रहा था

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सियार को खेत से निकलता हुआ देखते ही घरेलू कुत्ता होश खो बैठा जैसे थोड़ा नहीं पूरा ही पागल हो गया भौंकना शुरु हुआ और भौंकता ही चला गया बहुत द...
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शनिवार, 9 जून 2012

उल्लू की रसोई

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रोज कोशिश करता हूँ कुछ ना कुछ पका ही ले जाता हूँ खुद खाने के लिये नहीं यहाँ परोसने के लिये ले आता हूँ कुछ खाने वाले खीर को आईसक्रीम बताते ...
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सुशील कुमार जोशी
Almora, Uttarakhand, India
ना कविता लिखता हूँ ना कोई छंद लिखता हूँ अपने आसपास पड़े हुऎ कुछ टाट पै पैबंद लिखता हूँ ना कवि हूँ ना लेखक हूँ ना अखबार हूँ ना ही कोई समाचार हूँ जो हो घट रहा होता है मेरे आस पास हर समय उस खबर की बक बक यहाँ पर देने को तैयार हूँ ।
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