उलूक टाइम्स

"बर्बाद गुलिस्ताँ करने को बस एक ही उल्लू काफ़ी था हर शाख़ पे उल्लू बैठा है अंजाम-ए-गुलिस्ताँ क्या होगा " :- शौक़ बहराइची

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शनिवार, 24 अगस्त 2013

रीढ़ वाला रीढ़ वाले का बिना रीढ़ वाला हुकुम का इक्का

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चिढ़ लग जाती है जब कोई कहता है  स्पाइनलेस फैलो लेकिन सच यही है मुझे खुद पता नहीं है मेरी रीढ़ की हड्डी कहाँ है अब वो सामने तो होती नहीं है प...
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सोमवार, 14 मई 2012

दिखता है आतंकवाद

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बम फोड़ना मकान उड़ाना निरीह लोगों की हत्या यूँ ही करते चले जाना आतंक फैलाना फिर आतंकवादी कहलाना खबर में छा जाना पकड़े जाना जेल चले जाना दि...
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सुशील कुमार जोशी
Almora, Uttarakhand, India
ना कविता लिखता हूँ ना कोई छंद लिखता हूँ अपने आसपास पड़े हुऎ कुछ टाट पै पैबंद लिखता हूँ ना कवि हूँ ना लेखक हूँ ना अखबार हूँ ना ही कोई समाचार हूँ जो हो घट रहा होता है मेरे आस पास हर समय उस खबर की बक बक यहाँ पर देने को तैयार हूँ ।
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