देश बहुत
बड़ा है
आजादी
और
आजाद
देश को
समझने में
कौन पड़ा है
जितना भी
मेरी समझ
में आता है
मेरे घर
और
उसके लोगों
को देख कर
कोई भी
अनाड़ी
आजादी
का मलतब
आसानी से
समझ जाता है
इसलिये कोई
दिमाग अपना
नहीं लगाता है
देश
की आजादी
का अंदाज
घर
बैठे बैठे ही
जब लग जाता है
अपना
काम तो भाई
आजादी से
चल जाता है
कहीं
जाये ना जाये
आजाद
15 अगस्त
और
26 जनवरी
को तो
पक्का ही
काम पर जाता है
झंडा फहराता है
सलामी दे जाता है
राष्ट्रगीत में बकाया
गा कर भाग लगाता है
आजादी
का मतलब
अपने बाकी
आये हुऎ
आजाद भाई बहनो
चाचा ताइयों को
समझाता है
वैसे
सभी को
अपने आप में
बहुत समझदार
पाया जाता है
क्योंकी
आजादी को
समझने वाला ही
इन दो दिनो के
कार्यक्रमों में
बुलाया जाता है
फोटोग्राफर
को भी
एक दिन का काम
मिल जाता है
अखबार के
एक कालम को
इसी के लिये
खाली रखा
जाता है
किसी
एक फंड
से कोई
मिठाई सिठाई
भी जरूर
बंटवाता है
जय हिन्द
जय भारत के
नारों से
कार्यक्रम का
समापन कर
दिया जाता है
इसके
बाद के
365 दिन
कौन कहाँ
जाने वाला है
कोई
किसी को
कभी नहीं
बताता है
अगले साल
फिर मिलेंगे
झंडे के साथ
का वादा
जरुर किया जाता है
जब सब कुछ
यहीं बैठ कर
पता चल जाता है
तो
कौन बेवकूफ
इतना बडे़ देश
और
उसकी आजादी
को समझने के
लिये जाता है।
बड़ा है
आजादी
और
आजाद
देश को
समझने में
कौन पड़ा है
जितना भी
मेरी समझ
में आता है
मेरे घर
और
उसके लोगों
को देख कर
कोई भी
अनाड़ी
आजादी
का मलतब
आसानी से
समझ जाता है
इसलिये कोई
दिमाग अपना
नहीं लगाता है
देश
की आजादी
का अंदाज
घर
बैठे बैठे ही
जब लग जाता है
अपना
काम तो भाई
आजादी से
चल जाता है
कहीं
जाये ना जाये
आजाद
15 अगस्त
और
26 जनवरी
को तो
पक्का ही
काम पर जाता है
झंडा फहराता है
सलामी दे जाता है
राष्ट्रगीत में बकाया
गा कर भाग लगाता है
आजादी
का मतलब
अपने बाकी
आये हुऎ
आजाद भाई बहनो
चाचा ताइयों को
समझाता है
वैसे
सभी को
अपने आप में
बहुत समझदार
पाया जाता है
क्योंकी
आजादी को
समझने वाला ही
इन दो दिनो के
कार्यक्रमों में
बुलाया जाता है
फोटोग्राफर
को भी
एक दिन का काम
मिल जाता है
अखबार के
एक कालम को
इसी के लिये
खाली रखा
जाता है
किसी
एक फंड
से कोई
मिठाई सिठाई
भी जरूर
बंटवाता है
जय हिन्द
जय भारत के
नारों से
कार्यक्रम का
समापन कर
दिया जाता है
इसके
बाद के
365 दिन
कौन कहाँ
जाने वाला है
कोई
किसी को
कभी नहीं
बताता है
अगले साल
फिर मिलेंगे
झंडे के साथ
का वादा
जरुर किया जाता है
जब सब कुछ
यहीं बैठ कर
पता चल जाता है
तो
कौन बेवकूफ
इतना बडे़ देश
और
उसकी आजादी
को समझने के
लिये जाता है।
वे क़त्ल होकर कर गये देश को आजाद,
जवाब देंहटाएंअब कर्म आपका अपने देश को बचाइए!
स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाए,,,,
RECENT POST...: शहीदों की याद में,,
आजादी का आजकल, मतलब निकले ढेर |
जवाब देंहटाएंचीर मेमने को धरे, मिसरा झूठे शेर |
मिसरा झूठे शेर, फेर में गर पड़ जाएँ |
छट्ठी का माँ कसम, याद हम दूध कराएँ |
आजादी का अर्थ, नहीं है ऐसा प्यारे |
घुसो उठाये सींग, किसी का पेट विदारे ||
वो कत्ल खुद हो ,देश को कर गए आज़ाद ,आज़ाद देश को अब कत्ल क्या हलाल करें हम ,पूँजी देश की स्विस में बर्बाद करें हम . ये कैसी आज़ादी है यह कैसा देश है दोस्तों जहां चन्द्र शेखर आज़ाद पार्क ,इलाहाबाद झाड झाड़ियों से घिरा हुआ है ,घुसकर कोई दिखाए तो जाने ,जलियाँ वाला बाग़ कोई पहचाने तो जाने जो देश अपने शहीदों का आदर नहीं करता अपने इतिहास से प्यार नहीं करता वह आज़ादी का मतलब भी ठीक से नहीं जानता .ये आजादी क्या इसीलिए मिली थी हम एक राष्ट्री रोबोट को राजपाट सौंप दें और कारोबार इटली से हो ...जब से पीजा ,पास्ता हुए मूल आहार ,इटली से चलने लगा सारा कारोबार . यहाँ भी पधारें -
जवाब देंहटाएंram ram bhai
बुधवार, 15 अगस्त 2012
TMJ Syndrome
TMJ Syndrome
http://veerubhai1947.blogspot.com/
हम तो आज़ाद ठहरे...ऐसी-वैसी बातों पर ध्यान ही नहीं देते !
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति!
जवाब देंहटाएंस्वतन्त्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ!
आज़ादी बड़े लोगों की बोली में
जवाब देंहटाएंऔर छोटे लोगों की बडबड़ाहट में है ...
छोटे आज़ादी की बात करें तो आगे थाना और जेल है
बड़े लोगों के लिए आज़ादी
अधिकार और आनंद का मेल है .....
बड़ी बेबाकी से कड़वी सच्चाई लिख डाली....
जवाब देंहटाएंफिर भी आज शुभकामनाएं तो बनती ही हैं....
स्वतन्त्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ!
सादर
अनु
आठ साल हो गए आज़ाद हर साल आता है ,बीमारी का मतलब समझाता है ,
जवाब देंहटाएंगनीमत है अगले साल ,कोई और आज़ाद सा दिखने वाला प्राणि आयेगा ,
लाल किले से फिर आज़ादी का मतलब और लक्षण समझाएगा ,
सिर्फ और सिर्फ बीमारी बतलायेगा ,......अच्छी पोस्ट .
खरी सच्ची बात
जवाब देंहटाएं