दो और दो होता है चार
किताबों से पढ़ा जाता है
ब्लैक बोर्ड में लिखा जाता है
कोई पूछता है तो
समझाया भी उसे जाता है
दो और दो हमेशा ही
चार हो जाता है
असलियत में
दो और दो होता है पाँच
खुद समझा ऎसे ही जाता है
किया भी ऎसा ही जाता है
मौका ज्यादा अच्छा मिल रहा हो अगर
तो आठ भी कर लिया जाता है
किताब में कुछ भी लिख देने से
थोड़ा कुछ हो जाता है
जमाने की नब्ज भी तो
कोई चीज हुआ करती है
उसे भी कुछ समझा जाता है
उसके साथ चला जाये अगर
तो रास्ता आसान हो जाता है
तू भी दो और दो को चार पढ़
पर जब करता है तो पाँच कर
सामने वाला भी वही कर रहा होता है
उसको प्यार से नमस्कार कर
चार को दिखा दिया कर
एक को बचा लिया कर
सामने वाला समझदार होता है
उसको दो और दो चार
समझ में आ जायेगा
और पाँचवा तेरे लिये बच जायेगा
'उलूक' किसी को कुछ
पता भी नहीं चल पायेगा ।
चित्र साभार: https://www.123rf.com/
वाह: सच कहा..आज दो और दो पाँच ही कहा जाता है
जवाब देंहटाएंभई बहुत खूब सूरत उलूक टाइम्स विज्ञान भी यही कहता है टू एंड टू आलवेज़ डज़ नाट मेक फॉर ,दे केन बी जीरो .....टू ईकुवल वेक्टर इन अपोज़िट्स मेक जीरो . सामने वाले को देख बात कर ,उडती चिड़िया पहचान ,धोभी का गधा बन ,ज़हानत को उठाकर उधर रख ,बन दिग - विजय बन कह दो और दो पांच ,कह दो और दो ,रुको मत और दो ,देते ही जाओ ,यहाँ भी पधारें -
जवाब देंहटाएंबृहस्पतिवार, 30 अगस्त 2012
लम्पटता के मानी क्या हैं ?
लम्पटता के मानी क्या हैं ?
लम्पटता के मानी क्या हैं ?
कई मर्तबा व्यक्ति जो कहना चाहता है वह नहीं कह पाता उसे उपयुक्त शब्द नहीं मिलतें हैं .अब कोई भले किसी अखबार का सम्पादक हो उसके लिए यह ज़रूरी नहीं है वह भाषा का सही ज्ञाता भी हो हर शब्द की ध्वनी और संस्कार से वाकिफ हो ही .लखनऊ सम्मलेन में एक अखबार से लम्पट शब्द प्रयोग में यही गडबडी हुई है .
हो सकता है अखबार कहना यह चाहता हों ,ब्लोगर छपास लोलुप ,छपास के लिए उतावले रहतें हैं बिना विषय की गहराई में जाए छाप देतें हैं पोस्ट .
बेशक लम्पट शब्द इच्छा और लालसा के रूप में कभी प्रयोग होता था अब इसका अर्थ रूढ़ हो चुका है :
"कामुकता में जो बारहा डुबकी लगाता है वह लम्पट कहलाता है "
अखबार के उस लिखाड़ी को क्षमा इसलिए किया जा सकता है ,उसे उपयुक्त शब्द नहीं मिला ,पटरी से उतरा हुआ शब्द मिला .जब सम्पादक बंधू को इस शब्द का मतलब समझ आया होगा वह भी खुश नहीं हुए होंगें .
http://veerubhai1947.blogspot.com/
ram ram bhai
क्या सच्चाई बतलाई है सर आपने
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी प्रस्तुति!
जवाब देंहटाएंइस प्रविष्टी की चर्चा कल शनिवार (01-09-2012) के चर्चा मंच पर भी होगी!
सूचनार्थ!