रविवार, 28 अप्रैल 2024

ईसा मसीह भी है की खबर पता नहीं कहाँ है नहीं आती है


बहुत ही छोटी सी बात है समझ में नहीं आती है
प्राथमिकताएं हैं लेखन में हैं सब की नजर आती हैं

जो कुछ भी है कुछ अजीब है बस तेरे ही आस पास ही है
बाकी सब के आस पास बस जन्नत है की खबर आती है

सब की खुशी में अपनी खुशी है होनी ही चाहिए
सारे खुशी से लिखते हैं खुशी लिखे में है नजर भी आती है

खुदा सब की खैर करे भगवान भी देखें सब ठीक हो
ईसा मसीह भी है की खबर पता नहीं कहाँ है कहीं से भी नहीं आती है

‘उलूक’ सब के दिमाग हैं सही हैं अपनी ही जगह पर हैं
बस तेरे लिखे में ही है कुछ सीलन सी नजर आती है

चित्र साभार: https://www.biography.com/

8 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत ही
    छोटी सी बात है
    समझ में नहीं आती है
    गूढ़ रचना
    आभार
    सादर वंदन

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  2. छोटी बातें अक्सर नज़र अंदाज हो जाती हैं।
    प्रणाम सर।
    सादर।
    ------
    जी नमस्ते,
    आपकी लिखी रचना मंगलवार ३० अप्रैल २०२४ के लिए साझा की गयी है
    पांच लिंकों का आनंद पर...
    आप भी सादर आमंत्रित हैं।
    सादर
    धन्यवाद।

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  3. ह्रदय विदारक विज्ञापन देखने के बाद कुछ लिखने का साहस नहीं है, दुनिया में इतने दुख हैं कि यदि परमात्मा न हो तो आदमी पागल ही हो जाये। ईसा मसीह भी ऐसे ही बहुत ज़रूरी हैं मानवता के लिए

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  4. हालांकि सबके दिमाग हैं सही, हैं भी अपनी जगह पर .... ऊपर वाला ही जाने फिर भी छोटी सी बात समझ में क्यों नहीं आती है

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  5. निशब्द करती रचना : लेखनी बेजोड़ चलती है

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  6. सब की खुशी में अपनी खुशी है होनी ही चाहिए
    सारे खुशी से लिखते हैं खुशी लिखे में है नजर भी आती है
    वाह!!!
    लाजवाब..

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