उलूक टाइम्स

"बर्बाद गुलिस्ताँ करने को बस एक ही उल्लू काफ़ी था हर शाख़ पे उल्लू बैठा है अंजाम-ए-गुलिस्ताँ क्या होगा " :- शौक़ बहराइची

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बुधवार, 25 जनवरी 2017

बधाई है बधाई है बधाई है बधाई है

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गण हैं तंत्र है सिपाही हैं झंडा है एक है तिरंगा है आजाद हैं आजादी है शहनाई हैं देश है जज्बा है सेवा है मिठाई है मलाई है मेवा है चुनाव हैं जर...
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रविवार, 26 जनवरी 2014

कोई गुलाम नहीं रह गया था तो हल्ला किस आजादी के लिये हो रहा था

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गुलामी थी सुना था लिखा है किताबों में बहुत बार पढ़ा भी था आजादी मिली थी देश आजाद हो गया था कोई भी किसी का भी गुलाम नहीं रह गया था ये भी बहुत ...
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सुशील कुमार जोशी
Almora, Uttarakhand, India
ना कविता लिखता हूँ ना कोई छंद लिखता हूँ अपने आसपास पड़े हुऎ कुछ टाट पै पैबंद लिखता हूँ ना कवि हूँ ना लेखक हूँ ना अखबार हूँ ना ही कोई समाचार हूँ जो हो घट रहा होता है मेरे आस पास हर समय उस खबर की बक बक यहाँ पर देने को तैयार हूँ ।
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