उलूक टाइम्स: मुसीबत
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मंगलवार, 23 जनवरी 2018

लावबाली होते हैं वबाल होते हैं कुछ सवाल बस सवाल होते हैं

एक
वबाल है
कुछ पूछने
वाला आज
इनकी उनकी
सबकी नजरों में

इनकी नजर है
कि एक सवाल है
हमेशा इसकी उसकी
सबकी नजरों में

नजर
उठती नहीं है
वबाल होती है
अपने लिये ही
अपने नखरों में

लावबाली होती है
बड़ी वबाल होती है
उठती है तो ठहर
जाती है नजरों में

वबाल
और भी होते हैं
कुछ बह जाते हैं
समय की लहरों में

वबाल से
झुकी होती है
कमर लावबाली
फिर भी लचक लेती है
जिन्दगी के मुजरों में

‘उलूक’
वबाल होते हैं
तो सवाल होते हैं
सवाल होते हैं
तो वबाल होते हैं

वबाल-ए-दोश
सवाल है
बड़ा ही वबाल है

सवाल है आज मगर
है सारे सवालों के पहरों में ।

वबाल = बोझ, मुसीबत,
लावबाली = लापरवाह
वबाल-ए-दोश = कंधे का भार

चित्र साभार: http://www.chrismadden.co.uk

सोमवार, 19 अगस्त 2013

मछली एक भी जिंदा रहेगी तालाब की मुसीबत ही बनेगी !

तुझे
बहुत दिनो से कुछ हो रहा है 

ऎसा कुछ
मुझे महसूस हो रहा है 

बहुत सी बातेंं
लोग आपस में कर रहे हैं 

तेरे सामने कहने से
लगता है डर रहे हैं 

मेरी
समझ में
थोड़ा थोड़ा कुछ आ रहा है 

आजकल
तू हर जगह
गाड़ी के ब्रेक और एक्सीलेटर
अपने हाथ में लेकर
क्यों जा रहा है 

किसी के
पीछे पहुँच कर
ब्रेक लगा रहा है 
किसी के
आगे से एक्सीलेटर
जोर से दबा रहा है 

समझता
क्यों नहीं है 
ऎसे क्या
किसी को तू रोक पायेगा 

जो कर रहे हैं
खुले आम बहुत कुछ 
काबू में
ऎसे ही कर ले जायेगा 

और क्या
ऎक्सीलेटर दे कर
किसी को भी
तू चला ले जायेगा 

खाली खाली
किसी से ऎसी क्यों उम्मीदें अपनी जगायेगा 
जो किसी को रोकने
तेरे साथ दौड़ा दौड़ा चला आयेगा 

ईमानदार
होने का मतलब
बेशरम होना होता है

ये बात
ना जाने तू
कब समझ में अपनी लायेगा 

शरम
तो बस
एक बेशरम को ही आती है 
जो सामने सामने
चेहरे पर झलक जाती है 

तेरी सूरत
हमेशा से रोनी नजर आती है 
नजर डाल
उस तरफ ही
सारी लाली चली जाती है 

दर्द
बढ़ते बढ़ते दवा हो जाता है 
ये ही सोच के
तू भी थोड़ा सा बेशरम
क्यों नहीं हो जाता है 

तेरी
सारी परेशानियां
उस दिन खत्म हो जायेंगी 
जिस दिन से तुझे भी शरम थोड़ी
आनी शुरु हो जायेगी 

सारी
मछलियाँ तालाब की
तब एक सी हो जायेंगी 

एक सड़ी मछली
गंदा करती है तालाब वाली
कहावत ही बेकार हो जायेगी 

उसी दिन से पाठ्यक्रम में
नई लाईने डाल दी जायेंगी 

जिस दिन
सारी मछलियाँ
सड़ा दी जाती हैं 

तालाब की बात
उस दिन के बाद से
बिल्कुल भी
कहीं नहीं की जाती है ।

चित्र साभार: https://www.shutterstock.com/