उलूक टाइम्स: नवंबर 2012

बुधवार, 7 नवंबर 2012

ले खा एक स्टेटमेंट अखबार में और दे के आ

पागल उल्लू

आज फिर

अपनी
औकात
भुला बैठा

आदत
से बाज
नहीं आया

फिर
एक बार
लात खा बैठा

बंदरों के
उत्पात पर
वक्तव्य
एक छाप

बंदरों के
रिश्तेदारों के

अखबार
के दफ्तर
दे कर
आ बैठा

सुबह सुबह
अखबार में

बाक्स में
खबर
बड़ी सी
दिखाई
जब पड़ी

उल्लू के
दोस्तों के
फोनो से

बहुत सी
गालियाँ
उल्लू को
सुनाई पड़ी

खबर छप
गई थी

बंदरों के
सारे
कार्यक्रमों
की फोटो
के साथ

उल्लू
बैठा था
मंच पर

अध्यक्ष
भी बनाया
गया था

बंदरों के
झुंड से
घिरा हुआ

बाँधे
अपने
हाथों
में हाथ ।