"बर्बाद गुलिस्ताँ करने को बस एक ही उल्लू काफ़ी था हर शाख़ पे उल्लू बैठा है अंजाम-ए-गुलिस्ताँ क्या होगा " :- शौक़ बहराइची
पर कंप्यूटर तोमहासंवेदी हैजरा सा वायरसकंप्यूटर कोकर देता हैरसहीन।
well said guru dev
wah sir lakh take ki bat kah di aapne to is kavita ke madhyam se
जल्द ही यह दिन भी देखने को मिल जाएगा ...
कल 23/03/2014 को आपकी पोस्ट का लिंक होगा http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर धन्यवाद !
ये सच ने वाला है ...
पर कंप्यूटर तो
जवाब देंहटाएंमहासंवेदी है
जरा सा वायरस
कंप्यूटर को
कर देता है
रसहीन।
well said guru dev
जवाब देंहटाएंwah sir lakh take ki bat kah di aapne to is kavita ke madhyam se
जवाब देंहटाएंजल्द ही यह दिन भी देखने को मिल जाएगा ...
जवाब देंहटाएंकल 23/03/2014 को आपकी पोस्ट का लिंक होगा http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर
जवाब देंहटाएंधन्यवाद !
ये सच ने वाला है ...
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