खुद नहीं कर सकता है अगर किसी एक को मोहरा तू बना
मोहरा
हाथी घोड़ा या ऊँट में से कोई भी हो सकता है
प्यादों को एक आवाज में सजा या गजबजा सकता है
प्यादे
नये जमाने की हवा खाये खिलखिलाये होते हैं
समझदारी से अपनी टाँगों का बीमा भी कराये होते हैं
टाँग अढ़ाने वाले को मुँह बिल्कुल नहीं लगाते हैं
पूरा फसाने वाले पर दिलो जान से कुर्बान बातों बातों में हो जाते हैं
मौज में आते हैं
तो कम्बल डाल कर फोटो भी खिंचवाने में जरा भी नहींं शर्माते हैं
तो कम्बल डाल कर फोटो भी खिंचवाने में जरा भी नहींं शर्माते हैं
टाँग अढाने वाला तो
बेचारा सतयुग से मार खाता ही आ रहा है
राम के जमाने में तो रावण मारा गया था
कलियुग में आकर राम ही खुद अपनी टाँग अढ़ा रहा है
सबको प्यार से समझाया जा रहा है
अभी भी वक्त है
थोड़ी समझदारी खरीद या लूट कर जा ले आ
थोड़ी समझदारी खरीद या लूट कर जा ले आ
जवान बंदरों की सेना ही बस अब बना
पुराने बंदरों को घर पर ही रहना है का नुस्खा जा थमा
हनुमान जी की
फोटो बंटवा छपवा बिकवा राम को पेड़ पर चढ़ा
रावण के हाथ में एक आरी दे के आ
टाँग अढ़ाना बन्द कर पूरा अढ़ना सीख जा
नये जमाने का गांंधी तू ही कहलायेगा सब्र कर थोड़ा रुक जा
ताली बजवाना जारी रख हाथों को काम में ला
टाँग का भरोसा छोड़ दे मान भी जा मत अढ़ा।
चित्र साभार: https://xioenglish.wordpress.com/
चित्र साभार: https://xioenglish.wordpress.com/
बढिया है...
जवाब देंहटाएंगजब की अभिव्यक्ति ,,,,
जवाब देंहटाएंRECENT POST शहीदों की याद में,
गाँधी -नेहरु मस्त कुल, लाल पाल धर बाल ।
जवाब देंहटाएंभगत सिंह आजाद भी, रानी झाँसी लाल ।
रानी झाँसी लाल, स्वर्गवासी हैं सारे ।
करें वहां पर मौज, यहाँ क्यूँ मित्र पधारें ।
तूफानों से लाय, यहाँ जो कश्ती बाँधी ।
भटके बिन पतवार, डुबा दो रविकर गाँधी ।।
आपकी उत्कृष्ट प्रस्तुति का लिंक लिंक-लिक्खाड़ पर है ।।
जवाब देंहटाएंवाह ... बेहतरीन
जवाब देंहटाएंगाँधी जी को सदा नमन।
जवाब देंहटाएंसादर
प्रणाम सर।
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जी नमस्ते,
आपकी लिखी रचना मंगलवार ३० जनवरी २०२४ के लिए साझा की गयी है
पांच लिंकों का आनंद पर...
आप भी सादर आमंत्रित हैं।
सादर
धन्यवाद।