बहुत ही
बेवकूफ थी
पिछली सरकार
कोशिश में
लगी हुई थी
बनाने में
कागज के टुकड़े से
आदमी का आधार
इतना भी
नहीं समझी
देश प्रेम
को
कैसे कागज
में
में
उतारा जायेगा
सारे कागज
ही
एक जैसे हों जहाँ
कौन
कितना प्रेमी है
ऐसे में
कैसे हिसाब
लगाया जायेगा
कैसे हिसाब
लगाया जायेगा
अब
लग रहा है
लेकिन
इसका भी समाधान
आसानी से
ही
ही
निकल आयेगा
दिखने शुरु
हो जायेंगे
जैसे ही
पूत के पाँव
पालने से बाहर
उसी को
देख कर
देश प्रेम निर्धारित
कर
लिया जायेगा
लिया जायेगा
स्केल मिलेगा
नापने का
कुछ
कुछ
पुराने प्रेमियों को
उनसे
नापने के लिये
इशारा दिया जायेगा
उन में से ही
होगा
बताने वाला भी
कितने
अंकों के साथ
देश प्रेमी होने के लिये
कोई
योग्यता हासिल
योग्यता हासिल
कर ले जायेगा
देश प्रेम को
अंदर
छुपाने वाले को
नोटिस
दे दिया जायेगा
दे दिया जायेगा
लोकपाल
शोकपाल
आये या ना आ पाये
अपने पाल
अपने सँभाल
बिल
सबसे पहले
सबसे पहले
बहुमत से
पास हो कर
पास हो कर
सामने से आ जायेगा
अभिमन्यु
कब से
सीख रहे थे
पेट के अंदर
पेट के अंदर
बाहर
आने के बाद
उनका कमाल
‘उलूक’
देख लेना
तू भी
बहुत जल्दी
बहुत जल्दी
अपने
सामने सामने
सामने सामने
ही
देख पायेगा ।
देख पायेगा ।
भाई जोशी सुशील कुमार जी
जवाब देंहटाएंशुभ संध्या...
आज
समझदानी
मेरी खराब हो गई है
या होने वाली है
इतने सारे पोस्ट
एक के बाद एक
सच में लग रहा है
किसे पढ़ें
किसे छोड़ें
कि
पढें या न पढ़ें
या....
उल्लूक की भांति
आप ही के
अनुसार बस
पढ़ लें
समझने की
कौनों जरूरत
नहीं न है
जादा लिखा
थोड़ा समझना
पगला गया हूँ न
सादर
अरे अरे भूल कर भी
हटाएंऐसा ना करियेगा
अभी बहुत कुछ
लिखना बाकी है
आगे भी आईयेगा
और पढ़ियेगा :)
आभारी हूँ ।
हाँ ,अभिमन्यु का काम देखना बाकी है !
जवाब देंहटाएंnew post ग्रीष्म ऋतू !
आभार ।
हटाएंथोकपाल अवश्य आना चाहिए, थोक में ...
जवाब देंहटाएं:) जी आभार ।
हटाएंवाह...बहुत खूब।
जवाब देंहटाएंआभार ।
हटाएंआपकी लिखी रचना बुधवार 28 मई 2014 को लिंक की जाएगी...............
जवाब देंहटाएंhttp://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर आप भी आइएगा ....धन्यवाद!
आभार !
हटाएंबहुत ही बढ़िया सर!
जवाब देंहटाएंसादर
आभार यश !
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