उलूक टाइम्स: कामधाम
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शनिवार, 15 फ़रवरी 2014

इस देश में जो शरमाता है वही बेशरम कहलायेगा

पता था ईमानदार
बनकर सरकार
नहीं चला पायेगा
भ्रष्टाचार से चलते
हों जहाँ घर तक
उस देश में कैसे
तुझे ज्यादा दिन
तक मौज मनाने
का आसान मौका
दे दिया जायेगा
अच्छा किया जो
इस्तीफा दे दिया
अब सारे ईमानदारी
के ठेकेदारों के
नाम से दुबारा
टेंडर खुलवाया जायेगा
आम आदमी की टोपी
और आम आदमी का
गाना गा कर आंखिर
कितनी दूर तक
कोई चल पायेगा
बहुत अच्छा किया
जो भी किया
चल सड़क पर आजा
फिर से कुछ नये
क्राँतिकारी गीत सुनायेगा
मीडिया फिर से
टी आर पी के जुगाड़
के लिये तेरी कुछ
नई कहाँनियाँ कुछ
नये नाटक बनायेगा
इस देश में बस
वही टिक पायेगा
जो मुँह में राम
बगल में छुरी दबायेगा
हर मौहल्ले में
जिस देश की
होती है पुराने
चोरों की बहुत
सी गलियाँ
वहाँ किसी भी
नये प्रयोग करने
वाले को इसी तरह
लात मार मार कर
भगा दिया जायेगा
उसके बाद भगाने
वालों का जत्था ही
लगा कर राम और
रहीम के मुखौटे
बेवकूफ जनता को
ईमानदारी से वोट
देने के लिये उकसायेगा
अच्छा किया तूने
बहुत अच्छा किया
पर क्या तू फिर से
गधे की सवारी करने
के लिये दुबारा
गधों के दरबार में
कभी और किसी
दिन हाजिरी लगायेगा
हो सकता है
कुछ तरस खा कर
अगली बार गधा
तुझे हल्की दुलत्ती
लगा कर ही
खुश हो जायेगा
कर फिर कुछ कर
हमारे पास भी
कोई काम
धाम नहीं है
फिर से कुछ
बकवास करने
का एक मौका
हमारे हाथ में
तब भी आ जायेगा ।