उलूक टाइम्स: भजन
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सोमवार, 2 फ़रवरी 2015

पकी पकाई खबर है बस धनिया काट कर ऊपर से सजाया है



बच्चों
की 
जेल से

बच्चे 
फरार 
हो गये हैं 

ऐसा 
खबरची 
खबर ले कर 
आज आया है 

देख लेना
चाहिये 
कहीं

उसी
झाडू‌ वाले
ने
फर्जी 
मतदान करने 
तो
नहीं बुलाया है 

अपनी
जेब पर 
चेन लगाकर 
बाहर और अंदर 
दोनो तरफ से 
बंद करवाया है 

उसकी
खुली जेब 
से
झाँक रहे नोटों 
पर

कहानी
बना कर
चटपटी 
एक लाया है 

सवा करोड़ 
चिट्ठियों में
कहाँ 
कुछ खर्च होता है 

बहुत 
सस्ते कागज 
में
सरकारी 
छापे खाने में 

श्रमदान 
करने वाले 
कर्मचारियों 
को

काम पर 
लगा कर 
छपवाया है 

बहुत कुछ 
किया है 
बहुत कुछ 
करवाया है 

दिखाना 
जरूरी 
नहीं होता है 

इसलिये
कुछ 
कहीं नहीं 
दिखाया है 

आदमी छोड़िये 
भैंसे भी
कायल 
हो चुकी हैं 

बड़ी बात है
बिना लाठी 
हाथ में लिये 
भैंस को
अपना 
बनाया है 

जादू है 
जादूगर है 
जादूगरी है 
तिलिस्म है 

छोड़ कर
जाने वाले
इतिहास 
हो गये हैं 

हर
किसी को 
इधर से हो
या 
उधर से हो 

अपने में
घुलाया 
और
मिलाया है 

मिर्ची
तुमको 
भी लगती है 
इस
तरह की 
बातें पढ़कर 

कोई नई 
बात नहीं है 
मिर्ची हमें 
भी
लगती है 

अच्छी
बातों का 
अच्छा प्रचार 
पढ़कर 

अच्छे लोगों
का
बोलबाला है

बुरों को 
लिखने
लिखाने
का
रोग लगवाया है

क्या करें 
आदतन 
मजबूर हैं 

देखते हैं
रोज 
अपने आस पास 
के
घुन लगे हुऐ 
गेहूँ के बीजों
को 

यहाँ उगना 
मुश्किल 
होता है जिनका 

रेगिस्तान
में 
उसी तरह के
बीजों 
से

कैसे
 हरा पौँधा 
उगता हुआ
दिखाया है 

‘उलूक’ 
पीटता रहता है 
फटे हुऐ ढोलों को 

गली मुहल्ले के 
मुहानों पर 

कई
सालों से 
कौओं ने 
कबूतरों से 

सभी
जलसों में
देश प्रेम का भजन 
गिद्धों के सम्मान 
में बजवाया है । 

चित्र साभार: homedesignsimple.info