उलूक टाइम्स: राष्ट्र
राष्ट्र लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
राष्ट्र लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं

शुक्रवार, 21 जून 2013

मदद कर मदद के लिये मत चिल्ला



अरे !
तू तो
मत चिल्ला
हमेशा ही तो
है यहाँ रहता
तू थोडे़ ना
है कहीं फंसा
अपनी गिनती
आपदाग्रस्तों में
मत करवा
मान भी जा
सड़कें बह गयी
सब पानी में
तो क्या हुआ
कहीं को मत जा
सैलानियों की
मदद कर
आधे बड़ आ
राष्टृ की धारा में
हमेशा ही है
जब तू बहा
छोटी बात
इस समय
तो मत उठा
पहाडी़ पहाडो़
का दर्द समझ
बस पहाडी़
राज्य एक बना
देश के नाम
पर करता रहा है
हमेशा जब तू
जान कुर्बान
आज भी मौका
जब मिला है
शहीद हो जा
वैसे भी करना है
एक दिन यहाँ
से पलायन तुझे
घर बह गया तेरा
अच्छा हुआ
खंडहर की
फोटो बनने
से तो रह गया
कल वो सड़क
फिर बनायेगा
कुछ अपना लेगा
कुछ ऊपर
दे आयेगा
तू फिर से
मंदिर को सजा
धार्मिक पर्यटन की
सोच को बढा़
हिमालय के रंग
अभी भी बदलेंगे
सूरज के साथ
हमेशा की तरह
कुछ नये पोस्टर
और छपवा
देश पर आयी
है आफत जब
कभी पहले भी
तूने कभी
कदम पीछे
कहाँ है खीँचा
एक बार फिर
कदमताल करने
का मन बना
वक्तव्य छप
रहे हैं चुनिंदा
यहाँ छपे
हैं जो आज
कल के
अखबार में
तू भी
कोशिश कर
एक दो
कमेंट दे जा
फेसबुकिया
ट्विटिया
कुछ भी कर ले
बस हल्ला
मत मचा ।

मंगलवार, 19 जून 2012

पति पर सट्टा

घर की लड़की
बहन या पुत्री
के लिये पति
एक सर्वश्रेष्ठ
ही ढूँढा जाता है
ठोक बजा कर
उसे हर कोण से
देखा परखा जाता है
जीवन संगिनी बना
कर फिर उसे प्यार
से सहेज कर भेजा
ससुराल को जाता है
यहाँ पर लेकिन
पति की खोज
एक पूरा खेल
वो भी उल्टा
नजर आता है
पहले तो हर
पाँच साल में
एक पति को
अवकाश दे
दिया जाता है
अगले पति की
खोज में नया
फिर बाजार
सजाया जाता है
पहली बार
इस बार तो
गजब सुना है
पाँच सौ करोड़
का सट्टा भी
खेला जाता है
काम का है या
बेकार का है
बिल्कुल भी
नहीं देखा जाता है
कभी कभी इस
जुए में जोकर
भी एक मौका
पा जाता है
इस बार महसूस
पता नहीं क्यों हो
रहा है कहीं कोई
उपर की मंजिल
खाली तो मौका
नहीं पा जाता है
मालूम सबको है
पर देखना भी है
ऎ राष्ट्र कि इस
बार तू किस
बेवकूफ को
वरमाला इनके
इशारों पर
पहनाता है ।