उन्होंने
जैसे ही
एक बात
उछाली
मैंने तुरन्त
अपने मन
की जेब
में सम्भाली
घर आकर
चार लाईन
लिख
ही डाली
कह रहे थे
जोर लगाकर
किसी
राज्य की
सरकार का
चेहरा देखना
हो अगर
जैसे ही
एक बात
उछाली
मैंने तुरन्त
अपने मन
की जेब
में सम्भाली
घर आकर
चार लाईन
लिख
ही डाली
कह रहे थे
जोर लगाकर
किसी
राज्य की
सरकार का
चेहरा देखना
हो अगर
उस राज्य के
विश्वविद्यालय
पर सरसरी
नजर डालो
कैसी चल
रही है सरकार
तुरत फुरत में
पता लगालो
वाह जी
क्या इंडीकेटर
ढूंढ के चाचा
जी लाये हैं
अपनी पोल
पट्टी खुद ही
खोलने का
जुगाड़
बनाये हैं
मेरी समझ
में भी बहुत
दिनों से
ये नहीं
आ रहा था
हर रिटायर
होने वाला
शख्स
कोर्ट जा जा
कर स्टे
क्यों ले
आ रहा था
अरे
जब बूढ़े
से बूढ़ा
सरकार में
मंत्री हो
जा रहा था
इतने
बड़े राज्य
का बेड़ा गर्क
करने में
बिल्कुल भी
नहीं शरमा
रहा था
तो
मास्टर जी
ने किसी
का क्या
बिगाड़ा था
क्यों
उनको साठ
साल होते ही
घर चले जाओ
का आदेश दिया
जा रहा था
काम धाम के
सपने
खाली पीली
जब राजधानी
में जा कर
सरकार जनता
को दिखाती है
उसी तरह
विश्विद्यालय
की गाड़ी
भी तो
खरामे खरामे
बुद्धि का
गोबर बनाती है
जो कहीं
नहीं हो
सकता है
उसे करने की
स्वतंत्रता भी
यहाँ आसानी से
मिल जाती है
बहुत सी
बाते तो
यहाँ कहने
की मेरी भी
हिम्मत नहीं
हो पाती है
सुप्रीम कोर्ट
भी केवल
बुद्धिजीवियों
के झांसे
में ही आ
पाती है
वाकई में
सरकार का
असली चेहरा
तो हमें
ये ही
दिखाती है।
नजर डालो
कैसी चल
रही है सरकार
तुरत फुरत में
पता लगालो
वाह जी
क्या इंडीकेटर
ढूंढ के चाचा
जी लाये हैं
अपनी पोल
पट्टी खुद ही
खोलने का
जुगाड़
बनाये हैं
मेरी समझ
में भी बहुत
दिनों से
ये नहीं
आ रहा था
हर रिटायर
होने वाला
शख्स
कोर्ट जा जा
कर स्टे
क्यों ले
आ रहा था
अरे
जब बूढ़े
से बूढ़ा
सरकार में
मंत्री हो
जा रहा था
इतने
बड़े राज्य
का बेड़ा गर्क
करने में
बिल्कुल भी
नहीं शरमा
रहा था
तो
मास्टर जी
ने किसी
का क्या
बिगाड़ा था
क्यों
उनको साठ
साल होते ही
घर चले जाओ
का आदेश दिया
जा रहा था
काम धाम के
सपने
खाली पीली
जब राजधानी
में जा कर
सरकार जनता
को दिखाती है
उसी तरह
विश्विद्यालय
की गाड़ी
भी तो
खरामे खरामे
बुद्धि का
गोबर बनाती है
जो कहीं
नहीं हो
सकता है
उसे करने की
स्वतंत्रता भी
यहाँ आसानी से
मिल जाती है
बहुत सी
बाते तो
यहाँ कहने
की मेरी भी
हिम्मत नहीं
हो पाती है
सुप्रीम कोर्ट
भी केवल
बुद्धिजीवियों
के झांसे
में ही आ
पाती है
वाकई में
सरकार का
असली चेहरा
तो हमें
ये ही
दिखाती है।
वास्तविकता का अपना रंग होता है ।
जवाब देंहटाएंधारदार प्रस्तुति ।
आभार ।।
बहुत कुछ कह गया यह आईना देखते हैं क्या रंग बिखरता है ...!
जवाब देंहटाएंdhardar vyangya kavita... bahut sundar joshi ji
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