सभ्य एवम
पढे़ लिखे
कहलाये
जाने वाले
एक बड़े
समूह में
छितराये
हुए से
कुछ लोग
कहीं कहीं
साथ साथ से
हो जाते है
आपस में
बतियाते हैं
रोज मिल
पाते हैं
लोगों को
दिख जाते हैं
ऎसे ऎसे
कई झुरमुट
कुकुरमुत्ते
की तरह
जगह जगह
उगते चले
जाते हैं
अब
कुकुरमुत्ते
भी तो
माहौल के
हिसाब से
ही पनप
पाते हैं
कुछ ही
कुकुरमुत्ते
मशरूम
की श्रेणी
में आते है
सँयमित
तरीके से
जब उगाये
जाते हैं
तभी तो
खाने में
प्रयोग में
लाये जाते हैंं
कभी कभी
जब इधर के
कुछ लोग
उधर के
लोगों में
चले जाते हैं
बातों बातों
में फिसल
जाते है
सामने वाले
से उसके
समूह को
गैंग कह
कर बुलाते हैं
उस समय
हम समझ
नहीं पाते हैं
कि
वो उन्हे
गिरोह
कह रहे हैं
टोली
कह रहे हैं
दल
कह रहे हैं
या
मँडली
कह रहे हैं
संग गण
वृन्द मजदूर
गुलाम भी
तो गैंग के
रूप के रूप
में कहीं कहीं
प्रयोग किये
जाते हैं
अच्छा
रहने दो
अब
बातो को
हम लम्बा
खींच कर
नहीं ले
जाते है
मुद्दे पर
आते हैं
भले लोग
बात करने
में अपनी
मानसिकता
का परिचय
जरूर
दे जाते हैं
बता जाते हैं
सभ्य एवम
पढे़ लिखे
लोग
सही समय
पर सही
शब्द ही
प्रयोग में
लाते हैं।
पढे़ लिखे
कहलाये
जाने वाले
एक बड़े
समूह में
छितराये
हुए से
कुछ लोग
कहीं कहीं
साथ साथ से
हो जाते है
आपस में
बतियाते हैं
रोज मिल
पाते हैं
लोगों को
दिख जाते हैं
ऎसे ऎसे
कई झुरमुट
कुकुरमुत्ते
की तरह
जगह जगह
उगते चले
जाते हैं
अब
कुकुरमुत्ते
भी तो
माहौल के
हिसाब से
ही पनप
पाते हैं
कुछ ही
कुकुरमुत्ते
मशरूम
की श्रेणी
में आते है
सँयमित
तरीके से
जब उगाये
जाते हैं
तभी तो
खाने में
प्रयोग में
लाये जाते हैंं
कभी कभी
जब इधर के
कुछ लोग
उधर के
लोगों में
चले जाते हैं
बातों बातों
में फिसल
जाते है
सामने वाले
से उसके
समूह को
गैंग कह
कर बुलाते हैं
उस समय
हम समझ
नहीं पाते हैं
कि
वो उन्हे
गिरोह
कह रहे हैं
टोली
कह रहे हैं
दल
कह रहे हैं
या
मँडली
कह रहे हैं
संग गण
वृन्द मजदूर
गुलाम भी
तो गैंग के
रूप के रूप
में कहीं कहीं
प्रयोग किये
जाते हैं
अच्छा
रहने दो
अब
बातो को
हम लम्बा
खींच कर
नहीं ले
जाते है
मुद्दे पर
आते हैं
भले लोग
बात करने
में अपनी
मानसिकता
का परिचय
जरूर
दे जाते हैं
बता जाते हैं
सभ्य एवम
पढे़ लिखे
लोग
सही समय
पर सही
शब्द ही
प्रयोग में
लाते हैं।
कुछ ही कुकुरमुत्ते मशरूम की श्रेणी में आते है
जवाब देंहटाएंसँयमित तरीके से जब उगाये जाते हैं
तभी तो खाने में प्रयोग में लाये जाते है||
मस्त विषय ||
bahut badhiya kavita... vyangya ka put marak hai..
जवाब देंहटाएंबहुत ही बेहतरीन और प्रशंसनीय प्रस्तुति....
जवाब देंहटाएंइंडिया दर्पण की ओर से शुभकामनाएँ।
बहुत ही बेहतरीन
जवाब देंहटाएंपढ़े लिखे लोग सही समय पर सही शब्द प्रयोग ही लातें हैं ...बढ़िया प्रस्तुति ..कृपया यहाँ भी पधारें -
जवाब देंहटाएंबुधवार, 9 मई 2012
शरीर की कैद में छटपटाता मनो -भौतिक शरीर
http://veerubhai1947.blogspot.in/
रहिमन पानी राखिये
http://kabirakhadabazarmein.blogspot.in/
वाह....
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया......
सभ्यता बातों से झलकती है....
सादर.