रेगिस्तान की रेत के
बीच का कैक्टस
फूलोंं के बीज बेच रहा है
कैक्टस
बहुत कम लोग पसंद करते हैं
कम से कम
वास्तु शास्त्री की बातों को
मानने वाले तो कतई नहीं
कुछ रखते हैं गमलों में
क्योंकि फैशन है रखने का
पर किंवदंतियों के भूत से भी
पीछा नहीं छुड़ा पाते हैं
गमले
घर के पिछवाड़े रख कर आते हैं
कैक्टस के कांटे निकलने
का मौसम अभी नहीं है
आजकल उनमें फूल आते हैं
फूल के बीज बिक रहे हैं बेतहाशा भीड़ है
और भीड़ की
बस दो ही आँखें होती हैं
उनको कैक्टस से कोई मतलब नहीं होता है
उनके सपने में फूल ही फूल तो आते हैं
काँटो से लहूलुहान ऐसे लोग
भूखी बिल्ली की तरह होते हैं
जो बस दूध की फोटो देख कर ही तृप्त हो जाते हैं
इसी भूख को बेचना सिखाने वाले कैक्टस
उस मौसम में
जब उनके काँटे गिर चुके होते हैं
और कुछ फूल
जो उनके बस फोड़े होते हैं
जो उनके बस फोड़े होते हैं
सामने वाले को फूल जैसे ही नजर आते हैं
सारे फूलों को फूलों के बीज बेचना सिखाते हैं
फूल कैक्टस को महसूस नहीं करते हैं
उसके फूलों पर फिदा हो जाते हैं
और बेचना शुरु कर देते हैं कैक्टस के बीज
‘उलूक’
बहुत दूर तक देखना अच्छा नहीं है
कांटे तेरे दिमाग में भी हैं
जिनपर फूल कभी भी नहीं आते हैं
कैक्टस
इसी बात को बहुत सफाई के साथ
भुना ले जाते हैं
और यूँ ही खेल ही खेल में
सारे के सारे बीज बिक जाते हैं
देखना भर रह गया है
कितने बीजों से
रक्तबीज फिर से उग कर आते हैं ।
बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएं--
आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल रविवार (04-05-2014) को "संसार अनोखा लेखन का" (चर्चा मंच-1602) पर भी होगी!
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
फिलहाल तो केक्टस के फूल ही नजर आते हैं, काँटे तो बाद में चुभेंगे।
जवाब देंहटाएंकैक्टस के कांटे
जवाब देंहटाएंनिकलने का
मौसम अभी
नहीं है
बिलकुल सटीक बात कही है, सार्थक रचना !
रक्तबीज ही तो उग रहे है !
जवाब देंहटाएंNew post ऐ जिंदगी !
सुंदर और गहन भाव...विपरीत परिस्थितियों में किस तरह ज़िंदा रहा जाता है और काँटों से घिर कर कैसे अपना सौंदर्य बरकरार रखा जाता है, यह कोई कैक्टस से सीखे...
जवाब देंहटाएंकैक्टस सी ज़िंदगी कैक्टस प्यार
जवाब देंहटाएंकर लो भाई व्यापार
सुन्दर रचना है भाई साहब।
सुन्दर रचना..
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